...तो इन खूबियों की वजह से CM पद के सबसे मजबूत दावेदार हैं मनोज सिन्हा
नई दिल्ली: मनोज सिन्हा का यूपी का मुख्यमंत्री बनना करीब-करीब तय माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी रैली में मनोज सिन्हा की तारीफ कर चुके हैं. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी अपनी सभाओं में कई बार कह चुके हैं कि पीएम पूर्वांचल हैं तो सीएम भी पूर्वांचल से होगा. मनोज सिन्हा की प्रशासनिक क्षमता और ईमानदार छवि भी उन्हें रेस में आगे रखने की बड़ी वजह है.
खत्म होगा यूपी के CM का सस्पेंस, BJP विधायक दल की बैठक आज, मनोज सिन्हा रेस में सबसे आगे
मोदी कैबिनेट में भी मनोज सिन्हा का काम अच्छा रहा है. इसीलिए बतौर केंद्रीय मंत्री उनकी प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए भी उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है.
- ईमानदार और साफ छवि उनके पक्ष में जाता दिख रहा है.
- कट्टर नेता वाली छवि नहीं है.
- आम लोगों से सीधा संवाद करने में माहिर हैं.
- ज्यादा महत्वकांक्षी नहीं हैं.
- सामाजिक समरसता की श्रेणी में भी फिट बैठते हैं.
मनोज सिन्हा करीब तीन साल से मोदी सरकार में मंत्री हैं. प्रशासनिक अनुभव है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि यूपी का मुख्यमंत्री बनने के लिए सारी बातें उनके पक्ष में ही हो.
- जैसे सिन्हा कोई मास अपील नहीं रखते.
- जातीय समीकरण की कसौटी पर फिट नहीं बैठते.
- जिस भूमिहार जाति से आते हैं उसकी आबादी यूपी में ज्यादा नहीं है.
मनोहर पर्रिकर और सर्बानंद सोनेवाल को छोड़ दें तो मोदी युग में किसी सांसद को सीधे मुख्यमंत्री बनाने की परंपरा नहीं रही है. अब चूंकि बात यूपी की है तो इसमें साफ तौर कुछ भी कहना फिलहाल मुमकिन नहीं है.
कौन हैं मनोज सिन्हा
मनोज सिन्हा अभी मोदी सरकार में संचार के साथ साथ रेल राज्य मंत्री भी हैं. मंत्री के तौर पर उनका काम अच्छा माना जाता है. मनोज सिन्हा तीन बार गाजीपुर से सांसद रहे हैं. उन्होंने आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और बीएचयू छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं. भूमिहार जाति से हैं मनोज सिन्हा मनोज सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं जो यूपी में बहुसंख्यक नहीं है. यूपी में कुल आबादी के करीब एक से डेढ़ फीसदी ही भूमिहार हैं. अगर मनोज सिन्हा मुख्यमंत्री बनेंगे तो ऐसा दूसरी बार होगा जब कोई भूमिहार जाति का मुख्यमंत्री बनेगा. 56 साल पहले श्रीकृष्ण सिंह बिहार के मुख्यमंत्री थे. मनोज सिन्हा का भी बिहार कनेक्शन है उनकी ससुराल बिहार के भागलपुर में है. अब नजर कल लखनऊ में होने वाली विधायक दल की बैठक पर है, जिसमें औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी और इसके बाद अमित शाह मुख्यमंत्री के नाम का एलान करेंगे.