सहारनपुर: सहारनपुर करीब एक महीने से सुलग रहा है. सहारनपुर में हुई हिंसा के पीछे भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण की पुलिस को सरगर्मी से तलाश है. चंद्शेखर पर पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया है लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया है. पुलिस की नजर में चंद्रशेखर फरार है लेकिन उसने कल एबीपी न्यूज से खुलकर बात की.


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क्यों चंद्रशेखर पर हाथ डालने से बच रही है पुलिस


चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण सहारनपुर की हिंसा के आरोप में पुलिस की फाइलों में नामजद आरोपी है. सरकारी कागजों में इसे 9 मई से फरार बताया जा रहा है, लेकिन ये न सिर्फ मीडिया से बात कर रहा है बल्कि रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर हुए दलितों के प्रदर्शन में भी ये शामिल था. पुलिस को भी इसकी जानकारी है. फिर इसे क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया? आखिर पुलिस की क्या मजबूरी है?


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सहारनपुर में चंद्रशेखर की अगुवाई में जमकर हिंसा


खुद यूपी पुलिस मानती है कि सहारनपुर में 9 मई को पुलिस और दलितों के बीच हुए बवाल में भीम आर्मी ने चंद्रशेखर की अगुवाई में जमकर हिंसा की थी. चंद्रशेखर और उसके समर्थकों ने रामनगर में एक पुलिस चौकी, कई मोटर साईकल और कारें जला दी थीं. पुलिस पर पथराव और हमला किया था, लेकिन इस सबके बावजूद पुलिस चंद्रशेखर पर नरमी दिखा रही है और वो खुद को दलितों का मसीहा बनाने में जुटा हुआ है.


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सीएम योगी और पीएम मोदी को चुनौती दे रहा है चंद्रशेखर


चंद्रशेखर की गिरफ्तारी पर उसके समर्थक जेल भरो आंदोलन की धमकी दे रहे हैं, उधर यूपी की कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बना चंद्रशेखर सीएम योगी और पीएम मोदी को चुनौती दे रहा है.


भीम आर्मी की गतिविधियां अब पुलिस के रडार पर हैं. सहारनपुर में बवाल बढने के बाद अब भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण की शामत आना तय है.