लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अपना धरना रद्द कर दिया है. राजभर ने बताया है कि उन्होंने सीएम योगी के सामने अपनी 19 मांग रखी थीं जिसमें से 17 मांगे मान ली गई है और दो मांगों पर सीएम ने विचार करने को कहा है. 


ओमप्रकाश राजभर SBSP पार्टी के नेता हैं. SBSP यानी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जो पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है. SBSP ने कुल 8 सीट पर चुनाव ल़डा था, जिसमें से उसे चार सीटों पर जीत मिली थी. इस दल के मुखिया ओम प्रकाश राजभर है, जिन्हें योगी सरकार ने अपने कैबिनेट में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री और दिव्यांग मंत्रालय दिया है.



जमीन के एक विवाद के चलते ओम प्रकाश राजभर धरने पर बैठने वाले थे. मामले की शुरुआत 14 जून 2017 को गाजीपुर से हुई थी. रामपुर गांव एक भूमि का नाप लेने के लिए सरकारी टीम रामपुर गांव पहंची. इसकी भनक मिलने के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने राजस्वकर्मियों को घेर लिया. पैमाइश रोकने का अनुरोध मारपीट तक पहुंच गया.


पुलिस का कहना है कि अवैध कब्जा हटाने से रोकने के लिए धरना हो रहा है. वहीं राजभर और उनकी पार्टी कह रही है डीएम आम जनता को तंग कर रहे हैं.



मामला का एक पहलू ये भी है कि पुलिस ने 14 जून से लेकर 20 जून तक टालमटोल की. 20 जून को सरकारी काम में बाधा डालना और मारपीट SC/ST एक्ट के तहत राजभर के कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया. तब से डीएम और राजभर के बीच ठन गई है.


दिलचस्प ये भी है 11 मई को कासिमाबाद में मंत्री ने भी मंच से बोला था कि उनका कोई कार्यकर्ता गलत की पैरवी करे तो लाठी से मारो. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजभर को फोन कर मनाने की कोशिश भी की थी, लेकिन अब तक राजभर अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.