इलाहाबाद: यूपी की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल अपने जाति प्रमाण पत्र को लेकर मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं. आरोप है कि पिछड़े वर्ग के बघेल ने खुद को अनुसूचित जाति का बताकर टुंडला की रिजर्व सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.


बघेल के निर्वाचन को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती


बघेल कुछ दिनों पहले तक बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे. बघेल के निर्वाचन को अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है और उनका निर्वाचन रद्द कर टुंडला सीट पर नये सिरे से चुनाव कराए जाने और बघेल के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की गई है.


टुंडला सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले राकेश बाबू की चुनाव अर्जी पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसपी सिंह बघेल को नोटिस जारी किया है और उन्हें जवाब देने के लिए छह हफ़्तों का वक्त दिया है. अदालत इस मामले में अब अठारह अगस्त को सुनवाई करेगी.


BJP के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं बघेल


गौरतलब है कि बीजेपी से तीन बार सांसद रहे यूपी के औरैया जिले के रहने वाले एसपी सिंह बघेल कुछ समय पहले तक राष्ट्रीय राजनीति में थे. पिछले साल नवम्बर महीने तक वह बीजेपी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं.


पिछले साल तक खुद को पिछड़ा वर्ग का बताने वाले एसपी सिंह बघेल ने कुछ महीने पहले खुद को धनगर जाति का बताते हुए आगरा से शेड्यूल कास्ट का सर्टिफिकेट लिया और इस साल हुए विधानसभा चुनाव में फिरोजाबाद जिले की टूंडला रिजर्व सीट से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की.


खुद को बघेल बताकर पिछड़े वर्ग की राजनीति करते थे बघेल


आरोप है कि एससी के लिए रिजर्व सीट से चुनाव लड़ने के लिए ही बघेल ने खुद को धनगर जाति का बताया, जबकि इससे पहले वह खुद को बघेल यानी गडरिया जाति का बताकर पिछड़े वर्ग की राजनीति करते थे.


जस्टिस वीके शुक्ल की बेंच ने इस मामले में सुनवाई के बाद कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल को नोटिस जारी किया है और उन्हें छह हफ्ते में जवाब देने को कहा है. एसपी सिंह बघेल यूपी की योगी सरकार में पशुधन, लघु सिंचाई व मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री है.