लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार एक्शन मोड में चल रहे हैं. एक के बाद एक भ्रष्ट और लापरवाह सरकारी कारिंदों को बर्खास्त कर रहे हैं. प्रतापगढ़ और संभल के एसपी पर गाज गिराना इसका उदाहरण भर है. इससे पहले फतेहपुर और गोंडा के जिलाधिकारियों को भी निलंबित किया गया था.


पिछले काफी वक्त से बीजेपी के नेता और विधायक ये शिकायत करते रहे हैं कि पुलिस और प्रशासन उनकी बातें नहीं सुन रहे हैं. विधायकों ने आरोप लगाया था कि लोगों की समस्याएं बढ़ रही हैं लेकिन तहसील और थानों में उनकी नहीं सुनी जा रही.

एक के बाद एक बीजेपी विधायकों ने ऐसे ही आरोप लगाए थे और इस वजह से सरकार पर ही सवाल खड़े होने लगे थे. लेकिन अब लगातार निलंबन की कार्रवाई करके शासन ने संदेश देने का प्रयास किया है.

नहीं सुधर रही पुलिस

यूपी पुलिस इन दिनों अपनी इमेज को लेकर काफी सजग नजर आ रही है. पुलिस ऑपरेशन क्रैकडाउन भी चला रही है और लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग भी दे रही है. यूपी पुलिस के ट्विटर पर देखें तो लगता है जैसे पुलिस महकमे में रामराज्य आ गया है.

लेकिन दूसरी ओर मथुरा और बुलंदशहर से सामने आए मामलों ने पुलिस विभाग में चल रहे पैसे के खेल को उजागर कर दिया है. बुलंदशहर में एक थानेदार की चैट वायरल हुई है तो मथुरा में एक कोतवाल की ऑडियो वायरल हुई है.