लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व की अखिलेश सरकार के राज में कब्रिस्तानों की चारदीवारी की जांच के आदेश दिए हैं. कब्रिस्तानों की चारदीवारी पर पिछले पांच सालों में तेरह सौ करोड़ रुपए ख़र्च हुए थे. विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शमशान बनाम क़ब्रिस्तान का मुद्दा उठाया था.


योगी आदित्यान ने यूपी के सीएम की कुर्सी संभालने के बाद अखिलेश की साईकल पथ, आगरा-लखनऊ जैसे कई प्रोजेक्ट की जांच के आदेश दिए हैं. अब सीएम योगी के राज में क़ब्रिस्तान की चारदीवारी योजना की भी जांच होगी.


बीजेपी के स्टार प्रचारक के तौर पर योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले के बहाने अखिलेश सरकार को घेरा था. अपने हर चुनावी मंच से योगी समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहते थे कि अगर फिर से प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार आई तो सिर्फ क़ब्रिस्तान ही बनेंगे.


अखिलेश सरकार ने पांच सालों में क़ब्रिस्तान की चारदीवारी बनाने पर तेरह सौ करोड़ ख़र्च किए थे. पहले चार सालों में 200-200 करोड़ रूपये ख़र्च हुए थे, जबकि आख़िरी यानी चुनावी साल में क़रीब पांच 500 करोड़ ख़र्च हुए थे. लेकिन शमशान की चारदीवारी पर सिर्फ़ 600 करोड़ ख़र्च किए गए.


चारदीवारी के नाम पर घोटाले की शिकायतें अखिलेश यादव को भी मिला थीं. अब विभाग के विशेष सचिव और आईएएस अधिकारियों की अगुवाई में तीन सदस्यों की एक जांच कमेटी बना दी गई है. ये कमेटी इन पहलुओं की जांच करेगी कि क़ब्रिस्तान की चारदीवारी विवादित ज़मीन पर तो नहीं बनाई गई?, निर्माण के काम की क्वालिटी कैसी है?, चारदीवारी किस रेट पर बनी है?, बाज़ार से अधिक रेट पर तो ठेके नहीं दिए गए? और क्या जितने का बजट था, उतना काम हुआ है या नहीं ?