देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्यपाल बेबी रानी मौर्य बृहस्पतिवार को दून अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के समय में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए सबसे कारगर दवा 'सोशल वैक्सीन' अर्थात प्रेम और सहानुभूति है. राज्यपाल ने अस्पताल में मौजूद वरिष्ठ डॉक्टरों और स्टाफ से भी बातचीत की. राज्यपाल ने आईसीयू में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों से वीडियो कॉल पर बात की और उनका मनोबल बढ़ाया. उन्होंने नर्सों का उत्साह बढ़ाते हुए अस्पताल प्रबंधन को उनके हितों और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए.


राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने ग्राफिक एरा में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर के बाहरी परिसर का भी दौरा किया और वहां तैनात अधिकारियों से व्यवस्थाओं की जानकारी ली. दून मेडिकल कॉलेज के प्रमुख डॉ आशुतोष सयाना ने बताया कि अभी तक यहां कुल 391 कोरोना संक्रमित मरीजों में से 73 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं.


राज्यपाल ने देहरादून में तैनात महिला अधिकारियों से कोविड-19 और लॉकडाउन से प्रभावित महिलाओं के मुद्दों पर भी चर्चा की. राज्य की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अमिता उप्रेती, मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट आकांक्षा और नगर पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे से बात करते हुए राज्यपाल ने महिलाओं के लिए स्वरोजगार के प्रयासों और घरेलू हिंसा के मामलों पर चर्चा की. राज्यपाल ने महिला अधिकारियों से महिला स्वयं सहायता समूहों और एकल महिलाओं के लिए कौशल विकास के कार्यक्रम संचालित करने को कहा. उन्होंने महिलाओं के लिए मास्क निर्माण, बेकरी उद्योग और अन्य घरेलू उत्पादों के निर्माण के अवसर सृजित करने की आवश्यकता पर बल दिया.



राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि कोरना दौर में महिला कार्मिकों को अपने कार्य के साथ-साथ परिवार का भी ध्यान रखना होता है. ऐसे में मानसिक तनाव का सामना करने के लिए उनकी पर्याप्त काउंसिलिंग और सहायता की जानी चाहिए.


यह भी पढ़ें:



उत्तराखंड: बागेश्वर में कोरोना से पहली मौत से मचा हड़कंप, अबतक कुल 47 केस आ चुके हैं सामने


कोरोना इफेक्ट: आर्थिक तंगी से जूझ रही उत्तराखंड सरकार ने उठाया बड़ा कदम, खर्चों में की जाएगी कटौती