चमोली: चमोली जिले में एक बार सरकारी रूतबे के बल पर मनमानी का मामला सामने आया है. उत्तराखंड राज्य की बीजेपी सरकार के मंत्री के बेटे ने कोरोना काल में बिना पास के ही हरिद्वार से सीधे उत्तराखंड सरकार का सरकारी चिह्न लगी गाड़ी में चमोली ज़िले की उर्गम घाटी पहुंच गए. यही नहीं मामला उस वक्त गंभीर हो गया जब गांव के लोगों ने उन्हें गाड़ी समेत घेर लिया. प्रशासन की टीम आने तक मंत्री पुत्र और उनके पिता राज्य मंत्री विनोद आर्य की गाड़ी को काफी देर तक बंधक बनाए रखा.
यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी के बद्रीनाथ जाने की कोशिश करने वाला प्रकरण अभी थमा भी नहीं था कि उत्तराखंड की बीजेपी सरकार के मंत्री ही लॉकडाउन उल्लंघन के दायरे में आ गए. राज्यमंत्री विनोद आर्य जिनके पास पशु कल्याण बोर्ड उत्तराखंड का दायित्व है. उनका सुपुत्र पुलकित आर्य अब सीधे बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेलंग से लगे उर्गम गांव पहुंच गया.
खास बात ये रही है कि इस राज्यमंत्री के सुपुत्र की उत्तराखंड शासन के प्रतीक चिन्ह लगी गाड़ी के साथ सीमांत जनपद चमोली के उर्गम पहुंच गया. वो भी तब जब चमोली जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जहां सरकार बाहर से आने वाले लोगो को क्वॉरन्टीन कर रही है वहीं मंत्री जी का सुपुत्र इस कोरोना काल में ऑर्गेनिक दालें खरीदने के बहाने उर्गम घाटी पहुंच चुका है. वो भी तब ,जब आजकल दालों का वहां कोई सीजन नहीं है. तो क्या करने मंत्री का सुपुत्र यहां पहुंचा, ये भी जांच का विषय है.
अब सवाल तो ये भी खड़ा होता है कि कैसे बिना पास के मंत्री का सुपुत्र हरिद्वार से सीधे यहां पहुंचा. मामले को बढ़ता देख प्रशासन की टीम जोशीमठ से उर्गम घाटी के देवग्राम पहुंचकर मंत्री के बेटे को पकड़कर कर अपने साथ जोशीमठ ले गई है. हालांकि मामले पर राजस्व उपनिरिक्षक का कहना है कि वाहन को सीज कर मंत्री पुत्र के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा, क्योंकि इनके पास गाड़ी की अनुमति नहीं है.
वहीं बीजेपी सरकार के मंत्री के सुपुत्र के उर्गम घाटी में पहुंचने पर गांव वालों में खासा आक्रोश है. गांव के लोगों का कहना है कि बगैर पास और क्वारन्टीन किये बगैर मंत्री पुत्र गांव में कैसे घुस गया. यही नहीं मंत्री पुत्र दो दिनों से गांव में रह भी रहा है.