नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के एक दिन बाद भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ में वाराणसी से दिल्ली लौटते समय शनिवार तड़के दो बार कुछ परेशानी आ गई. पहली घटना उत्तर प्रदेश में टूंडला जंक्शन से करीब 15 किलोमीटर दूर हुई. अधिकारियों ने बताया कि यह "पहियों के फिसलने" का मामला है.


रेलवे की प्रवक्ता स्मिता वत्स शर्मा ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि मवेशी के सामने आ जाने से यह अवरोध पैदा हुआ. ट्रेन रात को लौट रही थी और आशंका है कि रात के समय उसके सामने मवेशी आ गए थे."


सूत्रों के अनुसार, ट्रेन एक घंटे से अधिक समय तक टूंडला के समीप फंसी रही. ट्रेन में कई पत्रकार सवार थे. उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कहा, "यह मवेशी सामने आने का मामला है जिसकी वजह से पहिए फिसलने की दिक्कत आई."


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अधिकारियों ने बताया कि अवरोध हटाने के बाद ट्रेन ने सुबह करीब सवा आठ बजे फिर से दिल्ली की यात्रा शुरू की. सूत्रों ने बताया कि हालांकि 40 मिनट बाद हाथरस जंक्शन पर फिर से ट्रेन में गड़बड़ी पैदा हो गई और सुबह दस बजकर 20 मिनट पर उसकी सेवा बहाल हुई और अब वह 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है.


‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ दिल्ली-मुंबई राजधानी मार्ग के सेक्शन पर परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ थी और इसी के साथ वह भारत की सबसे तीव्र गति वाली ट्रेन बन गई.


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ट्रेन अपनी पहली वापसी यात्रा पर शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे वाराणसी जंक्शन से दिल्ली रवाना हुई थी. अपनी पहली यात्रा पर वाराणसी पहुंचने के करीब 45 मिनट बाद ही ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हो गई.


रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ट्रेन 18 को ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ का नाम दिया है. चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने इसका निर्माण किया है.


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