वाराणसी: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में हुए नक्सली हमले में 7 जवान शहीद हुए. शहीद होने वालों में वाराणसी के बसनी गांव के रहने वाले रविनाथ पटेल भी थे. रविनाथ पटेल के शहीद होने की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची, वहां मातम पसर गया.
गांववालों ने उनके घर से 500 मीटर दूर ही डेरा डाल दिया है और किसी को उनके घर तक नहीं जाने दे रहे हैं. अभी तक रविनाथ के माता-पिता को उनके शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई है. उन्हें सिर्फ इतना मालूम है कि उनके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है.
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रविनाथ की बहन का बरक्षा (रोका) 30 मई को होना है, जिसके लिए वो 24 मई को आने वाराणसी स्थित गांव बसनी आने वाले थे.
महज 23 साल की उम्र में शहीद होने वाले रविनाथ पटेल दो भाई और एक बहन में सबसे छोटे थे. उन्होंने साल 2013 में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल ज्वाइन किया था. उनके बड़े भाई राकेश केमिकल इंजीनियर हैं और कोलकाता की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं.
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बहन सरिता हाल ही में पढ़ाई पूरी हुई है. घरवालों ने उसका रिश्ता भी तय कर दिया है. सरिता की शादी के लिए बरक्षा (रोका) की रस्म 30 तारीख को होनी थी. जिसके लिए रविनाथ को 24 मई को अपने गांव बसनी पहुंचना था. लेकिन उससे पहले ही उनके शहीद होने की खबर आ गई.
रविनाथ के शहादत की खबर गांव तक मीडिया में चल रही खबरों के जरिए पहुंची. इसके बाद गांव वालों ने रविनाथ के पिता सत्यप्रकाश पटेल और मां अनिता पटेल को उनके एक्सीडेंट में घायल होने की खबर दी. घर पर बताया गया कि रविनाथ को इलाज के लिए वाराणसी लाया जा रहा है.
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गांववालों ने रविनाथ के घर से 500 मीटर पहले ही डेरा डाल दिया और किसी को भी रविनाथ के घर नहीं जाने दे रहे. गांववालों ने बताया कि रविनाथ की शहादत की खबर उन्हें मीडिया में चल रही खबरों से मिली है, जबकि आधिकारिक तौर पर उन्हें जिला प्रशासन की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है.
उम्मीद जताई जा रही है कि शहीद रविनाथ का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर तक उनके गांव पहुंच जाएगा.
रविनाथ पटेल छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 16 वीं बटालियन में आरक्षक के पद पर तैनात थे. जब वे अपनी बटालियन के साथियों के साथ थाने से निकलकर बन रही सड़क की सुरक्षा के लिए निकलकर चोलनार गांव पहुंचे थे. इसी बीच एक पुलिया पर आईईडी ब्लास्ट हुआ. नक्सलियों द्वारा किए गए इस ब्लास्ट में गाड़ी के परखच्चे उड़ गए. इस हमले में रविनाथ सहित 7 जवान शहीद हो गए.