वाराणसी: जिले के जंसा थानाक्षेत्र में एक कैंसर के पेशेंट ने अतिक्रमण हटाने गए बुलडोज़र को देखते ही दम तोड़ दिया. मृतक मनीष के घरवालों ने प्रशासन और पुलिस पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया है. परिवार वालों के मुताबिक प्रशासन चाहता तो उनके बेटे की जान बच सकती थी.


जानकारी के मुताबिक़ जंसा का रहने वाला मनीष मौर्या कैंसर से पीड़ित था. उसके पिता सुरेश मौर्या ने घर के पास ही एक जमीन के टुकड़े पर अपनी दुकान बना रखी थी. मनीष बीमारी के बावजूद इस दुकान पर बैठ कर पिता का हाथ बंटाता था. यह जमीन का टुकड़ा कृषि विभाग का बताया जा रहा है, जिस पर मनीष के पिता के अलावा भी कुछ लोगों ने अवैध निर्माण कर रखा था. कृषि विभाग प्रशासन के आदेश पर लाव-लश्कर के साथ इस जमीन के टुकड़े को अतिक्रमण से मुक्त कराने पहुंचा था.


मनीष के पिता सुरेश मौर्या ने बताया कि मनीष हफ्ते भर पहले ही अपना इलाज करा वापस घर लौटा था. सुरेश ने बताया कि मंगलवार सुबह अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व और प्रशासन की ज्वाइंट टीम जंसा कृषि विभाग के आराजी नंबर 329 व 330 पर जेसीबी के साथ पहुंची. टीम ने पहले उसके पड़ोस में बनी किराने की दुकान और उसके खपरैल के एक ढांचे गिरा दिया.


जैसे ही टीम उनकी दुकान की तरफ बढ़ी और और जेसीबी ने उसे गिराना शुरू किया मनीष दौड़कर एसडीएम और सीओ के पैरों में गिर पड़ा और दुकान न गिराने की मिन्नतें करने लगा. उसकी लाख मिन्नतों के बाद भी जब जेसीबी ने उसकी दुकान को गिराना शुरू किया तो उसे वहीँ दिल का दौरा पड़ा. दिल का दौरा पड़ते ही मनीष वहीं बेसुध होकर गिर पड़ा.


मनीष की यह हालत देखा उसके परिजन और गांव वाले उसे नजदीक के एक हॉस्पिटल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. मनीष के घरवालों का आरोप है कि अगर उसकी फरियाद सुन टीम जेसीबी को रोक देती तो उसकी जान न जाती. बीमारी और सदमे के चलते मनीष को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई.


इस संबंध में प्रशासन का कहना है कि जिस जमीन पर मनीष की दुकान बनी थी, वह साढ़े तीन बीघा जमीन कृषि विभाग की है, जिस पर आसपास के लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था. इस बारे में उन्हें चेतावनी भी दी गई थी. न मानने पर डीएम के आदेश पर टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी जहाँ यह दुखद हादसा हो गया.