वाराणसी: वाराणसी के जिला जेल में टेक्नोलॉजी पुरानी होने का फायदा उठाकर क्राइम नेटवर्क चलाया जा रहा था. डीएम और एसएसपी की छापेमारी में पता चला है कि जेल में बंद अपराधी 4 जी सिम इस्तेमाल कर रहे थे. बताया जा रहा है कि जेल में लगा हुआ जैमर 4जी सिग्नल को नहीं रोक पा रहा था जिसका फायदा उठाकर अपराधी 4जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे थे.
डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने बताया कि जेल में बंद अपराधी 4 जी सिम का इस्तेमाल कर रहे थे. जेल में लगे जैमर 4जी सिग्नल को नहीं रोक पा रहे थे. डीएम ने बताया कि मौके पर उन्होंने जेल के जैमर को भी चेक किया है. उन्होंने कहा कि हम सरकार को लिख रहे हैं कि जेलों में 4 जी सिग्नल को रोकने वाले जैमर लगाए जाएं.
जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपराधी पुरानी टेक्नोलॉजी के जैमर का फायदा उठाकर स्मार्टफ़ोन के जरिए फेसबुक मेसेंजर और व्हाट्सएप कॉलिंग फीचर का इस्तेमाल कर रहे थे. इससे वे आराम से अपना क्राइम नेटवर्क ऑपरेट कर रहे थे. वे सीधे रंगदारी वसूलने और क्राइम के लिए वीडियो कॉल कर रहे थे. वीडियो कॉल करने से उन्हें अपनी पहचान बताने में कोई समस्या भी नहीं आ रही थी.
डीएम योगेश्वर राम मिश्रा ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को जानकारी मिली थी कि जैमर लगे होने के बावजूद अपराधी जेल में फ़ोन का प्रयोग कर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं. इसी सूचना पर शुक्रवार सुबह उन्होंने एसएसपी के साथ जेल में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने आठ मोबाइल हैंडसेट, नौ सिम कार्ड और मोबाइल चार्जर रिकवर किए हैं.
डीएम ने बताया कि वाराणसी की डिस्ट्रिक्ट और सेंट्रल जेल में अब जल्द ही 4जी जैमर इंस्टॉल कर दिए जाएंगे. इससे 4जी मोबाइल सेट भी इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे. बता दें, इससे पहले जो जैमर लगया गया था वह केवल 3 जी स्पेक्ट्रम के सिग्नल को ही रोक सकता था. इसके लगाये जाने में सरकारी लिखा-पढ़ी में ही समय लग गया. इस बीच टेलिकॉम टेक्नोलॉजी अपग्रेड हो गई और जैमर नए टेक्नोलॉजी के हैंडसेट्स के लिए बेकार हो गया.