लखनऊ/वाराणसी: उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाइओवर हादसे की जांच समिति ने जांच शुरू कर दी. घटनास्थल पर पहुंची फोरेंसिक टीम साक्ष्य जुटाए और ड्रोन से फोटोग्राफी कराई गई. इस बीच, निलंबित अधिकारियों के खिलाफ वाराणसी के सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि इस घटना में कोई आपराधिक मामला पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यूपी के उप महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि फ्लाइओवर हादसे को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस मामले के लिए तकनीकी समिति का गठन सरकार की ओर से किया गया है. इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस अपना काम करेगी.
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उन्होंने बताया कि यह देखना आवश्यक है कि तकनीकी खामियों की वजह से ऐसा हादसा हुआ या इस हादसे के पीछे कोई आपराधिक साजिश है. रिपोर्ट आने के बाद दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
हादसे की सूचना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की. योगी खुद मंगलवार की रात वाराणसी पहुंचे और घटनास्थल का दौरा किया. जांच समिति मंगलवार देर रात ही शहर आ गई थी. बुधवार सुबह वाराणसी के सिगरा थाने में निलंबित अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
सिगरा थाने के इंस्पेक्टर की तहरीर पर सिगरा थाने में सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक, पर्यवेक्षण अधिकारी सहित अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया. मंगलवार शाम ही उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था.
मुख्यमंत्री ने जांच दल से 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है. माना जा रहा है कि जांच में कई अफसरों पर गाज गिरनी तय है. वाराणसी जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया. शवों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए सरकारी व्यवस्था की गई थी.