वाराणसी: पिछले दिनों वाराणसी में फ़्लाईओवर गिरने से 18 लोगों की मौत हो गई थी. पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में हुई इस घटना की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनी. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है.


जांच में इंजीनियरों की लापरवाही को हादसे की वजह माना गया है. बीम धीरे धीरे खिसकती रही और इंजीनियरों को पता तक नहीं चला. तीन महीने में बीम 18 सेंटीमीटर तक खिसक गई और फिर 15 मई को पिलर से बीम गिर ही गई. देखते ही देखते 18 लोगों की दब कर मौत हो गई.


एक्सपर्ट कमेटी का कहना है कि अगर साइट पर इंजीनियर लगातार मॉनिटरिंग करते रहते तो फिर ये हादसा ही नहीं होता. पीडब्ल्यूडी के चीफ़ इंजीनियर वाईके गुप्ता और सुनील कुमार गुप्ता ने मिल कर ये रिपोर्ट तैयार की है.


डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आदेश पर ये जांच टीम गठित की गई थी. मौर्य अभी दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं. इसीलिए अभी उन्हें जांच रिपोर्ट नहीं दी गई है. रिपोर्ट की मानें तो फ़रवरी में ही लोहे के बेयरिंग पर गार्डर रखे गए थे.


इसे बांधने के लिए क्रॉस बीम हादसे के दिन तक नहीं डाले गए थे, जिससे बीम खिसकता रहा. कमेटी ने फ़्लाइओवर बनाने में क्वालिटी में कोई गड़बड़ी नहीं पाई.


इस से पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी राज प्रताप सिंह से जांच करवाई थी. उन्हें 48 घंटे में जांच करने को कहा गया था. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यूपी सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल समेत 7 इंजीनियरों पर कार्रवाई हुई थी.