नई दिल्ली: नोटबंदी से परेशान बुजुर्ग भी हैं. खासकर वो बुजुर्ग जिनके खाते में पेंशन आती है. बैंकों के बाहर लंबी लंबी कतारें हैं. ऐसे में बुजुर्ग अपनी पेंशन निकालें तो कैसे. वाराणसी में भी 96 साल की बुजुर्ग महिला के सामने ऐसी ही समस्या आ गई. लेकिन बैंक खुद चलकर उनके दरवाजे पर आ गया.


नोटबंदी की भीड़ वाराणसी के लंका इलाके के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा पर भी वैसी ही बनी हुई है. लोग अभी भी लंबी-लंबी लाइन में घंटों इंतजार कर रहे हैं. अपने खाते में पड़े पैसे निकालने के लिए. सेंट्रल बैंक की इसी शाखा में 96 साल की बुजुर्ग महिला शिवा कुमारी मिश्रा का भी खाता है. शिवा कुमारी के खाते में पेंशन आती है.



उम्र के इस पड़ाव में शरीर उनका साथ नहीं देता. ऐसे में वो बैंक की लाइन में इंतजार नहीं कर सकती हैं. बिना उनके शाखा गए उनके खाते से पेंशन का पैसा निकल नहीं पाता. ऐसे में परिवार परेशान था. परेशान परिवार ने बैंक के मैनेजर प्रभाकर आचार्य को अपनी तकलीफ बताई.



एक वृद्ध पेंशनर की तकलीफ देखते हुए वाराणसी के सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया के मैनेजर प्रभाकर आचार्य ने दरियादिली दिखाई. प्रभाकर आचार्य तुरंत शिवा कुमारी मिश्रा के घर पहुंच गए. घर पर ही कागजी कार्रवाई पूरी की और वहीं पर उन्हें उनके हिस्से की पेंशन दे दी.


नोटबंदी का असर जितना आम लोगों पर पड़ा है उतना ही बैंक कर्मचारियों पर पड़ा है..बैंक कर्मचारियों का काम बढ़ा है..तो कई जगह उन पर लोगों का साथ न देने का भी आरोप लग रहा है..ऐसे में एक बुजुर्ग महिला के घर जाकर पेंशन देकर वाराणसी के इस बैंक ने एक मिसाल जरूर कायम कर दी है.