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एम्स बनने जा रहे बीएचयू अस्पताल में नर्स को ही नहीं मिला ICU में बेड, स्ट्रेचर पर तोड़ा दम
एम्स की तर्ज पर बीएचयू अस्पताल को विकसित किए जाने की चर्चा के बीच एक बेहद ही शर्मनाक घटना सामने आई है. यहां बतौर नर्स तैनात मंजू ए कुमार को ही आईसीयू में बेड नहीं मिला. इलाज का इंतजार करते-करते नर्स ने स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया.
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वाराणसी: एम्स की तर्ज पर बीएचयू अस्पताल को विकसित किए जाने की चर्चा के बीच एक बेहद ही शर्मनाक घटना सामने आई है. यहां बतौर नर्स तैनात मंजू ए कुमार को ही आईसीयू में बेड नहीं मिला. इलाज का इंतजार करते-करते नर्स ने स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया.
शर्मनाक स्थिति यह रही कि नर्स छह घंटे तक स्ट्रेचर पर पड़ी रही लेकिन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन एक बेड मुहैया न करा सका. साथी नर्स की मौत से उत्तेजित नर्सों ने जमकर हंगमा किया और वीसी आवास को घेर लिया. घटना की जानकरी होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल से रिपोर्ट तलब की है.
बीएचयू के जिस सर सुंदर लाल हॉस्पिटल को एम्स का दर्जा दिए जाने की घोषणा हुई है, वहीं एक स्टाफ नर्स डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मौत के मुंह में चली गई. नर्स मंजू ए कुमार के परिजनों का आरोप है कि जब मंजू की तबियत खराब थी और उन्हें आईसीयू में इलाज की ज़रुरत थी.
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लेकिन आईसीयू सुप्रिटेन्डेंट एक बेड नहीं मुहैया करा सके और 6 घंटे तक स्ट्रेचर पर रहने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया. परिजनों ने आरोप लगाया कि कि रविवार रात मंजू की तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद वे आईसीयू सुप्रिटेन्डेंट डीके सिंह से छह घंटे तक गुहार लगाते रहे, लेकिन उन्होंने अपनी ही हॉस्पिटल की नर्स को इलाज के लिए आइसीयू में एडमिट नहीं कराया.
परिजनों का आरोप है कि आईसीयू सुप्रिटेन्डेंट डॉ डीके सिंह सोर्स और दबाव में पेशेंट्स को आईसीयू में एडमिट करते हैं. हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की इस लापरवाही के चलते मंजू की मौत सोमवार सुबह लगभग तीन बजे हुई.
लापरवाही की इस बड़ी घटना के बाद हॉस्पिटल की नर्सों ने जमकर हंगामा काटा. उन्होंने अपनी साथी मंजू का शव वाइस चांसलर के रेजिडेंस के सामने रखकर काफी देर तक प्रदर्शन किया. नर्सों ने इस घोर लापरवाही के चलते हुई उनकी साथी की मौत के लिए आईसीयू सुप्रिटेन्डेंट को जिम्मेदार ठहराया है.
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आक्रोशित नर्सों ने आईसीयू सुप्रिटेन्डेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. नर्सों ने चेतावनी दी है कि अगर आईसीयू सुप्रिटेन्डेंट के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो बीएचयू अस्पताल की सभी नर्स हड़ताल पर चली जाएंगी.
एक तरफ सरकार सर सुंदर लाल हॉस्पिटल को एम्स के बराबर दर्जा देने की बात कह रही है तो दूसरी तरफ बीएचयू में काफी अव्यवस्था फैली हुई है. फिलहाल यहां के आईसीयू में सिर्फ 15 बेड ही हैं. इसके चलते यहां आने वाले पेशेंट्स को आईसीयू में एडमिट होने के लिए घंटों अपनी बारी का इन्तजार करना पड़ता है.
सोमवार को हॉस्पिटल की ही स्टाफ नर्स की मौत के बाद इस स्प्ताल के एम्स स्तरीय होने के सभी दावे हवा-हवाई होते नजर आए. नर्स मंजू ए कुमार की आईसीयू में बेड न मिलने से हुई मौत के मामले में बीएचयू आईएमएस के डायरेक्टर विजय कुमार शुक्ला ने बयान दिया है कि इमरजेंसी के आईसीयू में बेड्स की कमी है और एडमिनिस्ट्रेशन आईसीयू में बेड बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने बताया कि आईसीयू में कोई बेड खाली नहीं था बीमार नर्स के लिए जबतक बेड का इंतजाम किया जाता, दुखद परिस्थितियों में उनका निधन हो गया.
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion