वाराणसी: पुलिस के हत्थे जब इंटरस्टेट ड्रग स्मगलिंग गैंग के दो सदस्य चढ़े तो वह भी हैरान रह गई. इन ड्रग स्मगलर्स के पास से करीब तीन करोड़ की हेरोइन बरामद हुई. पूछताछ में पता लग कि यह हेरोइन वे घाट के किनारे घूमने वाले विदेशी मेहमानों को सप्लाई करने के लिए लाए थे. वाराणसी पुलिस के मुताबिक काफी दिनों से इनकी गतिविधियों की सूचना मिल रही थी, जिसके बाद से क्राइम ब्रांच इनकी तलाश में लगी हुई थी.
पकड़े गए इन ड्रग स्मगलर्स की पहचान बाराबंकी के जैदपुर के नूर आलम और बिहार के अजय कुमार सिंह के तौर पर हुई है. इन दोनों के पास से 1.645 किलोग्राम हेरोइन के अलावा पांच हजार रुपये और छह मोबाइल भी बरामद हुए हैं. पुलिस लाइन में इन दोनों की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि इन दोनों की काफी दिनों से तलाश थी. मंगलवार को मुखबिर से सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह ने लोहता थानाध्यक्ष राकेश सिंह की टीम के साथ रोहनिया तिराहा-हरपालपुर मार्ग पर घेरेबंदी की थी. इसी बीच यह दोनों हेरोइन की खेप के साथ वहां पहुंचे और पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया.
इन दोनों ड्रग स्मगलर्स से पूछताछ में सामने आया है कि इन्होंने अपने एजेंट्स वाराणसी के लोहता, आशापुर, नाटीइमली, पांडेयपुर, बड़ागांव, दशाश्वमेध, जैतपुरा, गौरीगंज सहित कई इलाकों में तैनात कर रखे थे. इन्हीं एजेंट्स के जरिए शहर में हेरोइन की बिक्री होती थी. ड्रग्स की सप्लाई के लिए जगह-जगह पर तैनात एजेंट्स को बाकायदा फिक्स सैलरी दी जाती थी.
जैसे ही पुलिस के एक्टिव होने का शक होता था, ये अपने एजेंट्स को हटाकर बाहर भेज देते थे. दोनों स्मगलर्स ने पूछताछ में बताया कि नेपाल का रहने वाला अल्ताफ इस ड्रग स्मगलिंग सिंडिकेट का मास्टर माइंड हैं. अल्ताफ के कहने पर ही यह दोनों इंडिया में माल सप्लाई करते थे. ड्रग्स की खेप के बदले भारत में मौजूद एजेंट इनके बैंक अकाउंट में पैसा डालते थे.
पैसा मिलने के बाद ही इन दोनों को ड्रग्स की खेप दी जाती है. एसएसपी ने बताया कि इन दोनों को पहले भी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस अरेस्ट कर चुकी है और ये जेल की हवा खा चुके हैं. पुलिस की पूछताछ में यह भी पता चला है कि ये दोनों बिहार और बाराबंकी के रास्ते नेपाल से हेरोइन, चरस और ब्राउन सुगर लाते थे.
इसके बाद इसे पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में सप्लाई कर दिया जाता था. एसएसपी ने बताया कि वाराणसी के अलावा जौनपुर, गाजीपुर, भदोही, चंदौली और मिर्जापुर के साथ ही आजमगढ़ में हेरोइन की सप्लाई होती थी. इन स्मगलर्स ने वाराणसी को अपना बेस बना रखा था.
स्मगलिंग करके आई ड्रग्स की सप्लाई खासतौर से गंगा किनारे घाटों पर घूमने वाले विदेशी टूरिस्ट्स को की जाती थी. इसके बदले उनसे मोटी रकम वसूली जाती थी. पूछताछ के दौरान यह भी जानकारी हेरोइन की स्मगलिंग के इस खेल में पूर्वांचल के कई सफेदपोश भी जुड़े हैं.