राजभर ने कहा कि यह बहुत साफ है कि अगर दो प्रतिद्वंद्वी एक साथ आते हैं, तो निश्चित रूप से राज्य से बीजेपी की सत्ता समाप्त हो जाएगी.
बता दें कि ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर अपनी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला है. उन्होंने अपनी ही सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए 24 दिसंबर से प्रदेश के 75 जिलों में क्रमिक अनशन पर जाने का ऐलान किया है. राजभर सोमवार को वाराणसी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के अति पिछड़ा समाज को हर हाल में अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 फीसदी आरक्षण में बंटवारा चाहिए. इससे कम पर यह समाज कुछ भी स्वीकार नहीं करने वाला है। इसके अभाव में अति पिछड़ों, खासकर राजभर समाज को रिझाने की बीजेपी की हर कोशिश बेकार जाएगी.
ओमप्रकाश राजभर की पार्टी का दावा है कि राजभरों को सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट जारी कर झुनझुना पकड़ाया जा रहा है, जबकि सपा से भाजपा में शामिल अनिल राजभर की विश्वसनीयता को लेकर राजभर समाज निश्चिंत नहीं है.
मंत्री ने इस्तीफा देने के सवाल पर कहा, "बीजेपी निकालना चाहे तो निकाल दे, मैं पद छोड़ने वाला नहीं."
राजभर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 29 दिसंबर को गाजीपुर में होंने वाली रैली में शामिल न होने का ऐलान किया है. वह 27 प्रतिशत आरक्षण को तीन वर्गो में बंटवाने के लिए बीजेपीके खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.
मंत्री राजभर ने कहा कि सपा और बसपा का गठबंधन हुआ तो भाजपा उत्तर प्रदेश से साफ हो जाएगी. अगर 27 फीसद आरक्षण में बंटवारा कर देते हैं तो मुकाबले में आ सकते हैं, लेकिन क्या होगा मालूम नहीं.