वाराणसी: लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में आज जनता के सामने अपना ‘रिपोर्ट कार्ड’ पेश किया और उसे 550 करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास योजनाओं का नजराना पेश किया.


अपने 68वें जन्मदिन पर कल वाराणसी पहुंचे मोदी ने दो दिवसीय दौरे के दूसरे और अंतिम दिन बीएचयू एम्पीथियेटर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जो काशी पहले भगवान भोलेनाथ के भरोसे ही थी, उसकी तस्वीर आज बदल चुकी है.


जनता को अपना ‘मालिक’ और ‘हाईकमान’ करार देते हुए प्रधानमंत्री ने 557 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने के बाद कहा कि क्षेत्रीय सांसद होने के नाते काशी की अवाम के सामने अपने कार्यों का लेखा-जोखा पेश करना वह अपनी जिम्मेदारी समझते हैं.


काशी के साथ भावनात्मक रिश्ता जोड़ने की कोशिश करते हुए ‘हर हर महादेव‘ के उद्घोष के साथ अपना सम्बोधन शुरू करने वाले मोदी ने कहा ‘‘आपने मुझे प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी भले ही दी हो, लेकिन आपका सांसद होने के नाते मैं पिछले साल वर्षों के दौरान किये गये कार्यों का हिसाब देने के लिये भी बराबर का जिम्मेदार हूं. आप मेरे मालिक और हाई कमान हैं, इसलिये आपको पाई-पाई का हिसाब देना मेरी जिम्मेदारी है.‘‘


प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी की स्थिति में बदलाव लाना ही उनका मकसद है. मगर इस बात का भी ध्यान रखना है कि इसकी पुरातन धरोहर भी बनी रहे. पहले की सरकारों ने काशी को बस भोलेनाथ के भरोसे ही छोड़ दिया था. चार साल पहले यहां के लोगों ने बदलाव की ठानी और आज यहां की तस्वीर बदल चुकी है.


प्रधानमंत्री ने पुरानी काशी के लिये एकीकृत विद्युत विकास योजना और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में अटल इन्क्यूबेशन सेंटर की परियोजनाओं का लोकार्पण किया. इसके अलावा उन्होंने बीएचयू में क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान केन्द्र का शिलान्यास भी किया.


मोदी ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है, उनका फायदा वाराणसी के साथ-साथ पास-पड़ोस के जिलों को भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनके लिये यह बेहद सम्मान का अवसर है कि वह बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद से देश को एक और वर्ष के समर्पण की शुरुआत कर रहे हैं.


प्रधानमंत्री ने वाराणसी को पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार करार देते हुए कहा कि काशी को हिन्दुस्तान के पूर्वी हिस्से के दरवाजे के तौर पर विकसित करने के भरपूर प्रयास किये जा रहे हैं. यही वजह है कि उनकी सरकार ने वाराणसी को विश्वस्तरीय मूलभूत ढांचे से जोड़ने का बीड़ा उठाया है. आज काशी एलईडी की रोशनी से जगमगा रही है.


मोदी ने इस मौके पर बीएचयू के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पौधारोपण भी किया.


वाराणसी में अगले साल आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान काशी ने अपने विदेशी राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और जर्मनी के राष्ट्रपति फै्रंक वॉल्टर ने भी पूरी दुनिया में काशी की मेहमाननवाजी की तारीफ की है. अगले साल के शुरू में बनारस के आतिथ्य पर दुनिया की एक बार फिर नजर होगी, जब जनवरी में काशी में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया जाएगा.


मोदी ने कहा स्वच्छता से लेकर आतिथ्य तक, हमें उदाहरण पेश करना होगा ताकि उसकी छाप हमारे प्रवासी भाइयों और बहनों के जहन पर हमेशा चस्पा रहे.


उन्होंने कहा कि वाराणसी में हजारों करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजनाएं चल रही हैं. मंडुआडीह फ्लाईओवर का काम पूरा हो चुका है. गंगा पर सामनेघाट पुल बनाया जा रहा है. वाराणसी के हवाई अड्डे पर भी अनेक विकास कार्य हो रहे हैं. काशी में सफर करना आसान हुआ है और इस शहर का सौंदर्य देखते ही बनता है.


प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी पूर्वी भारत का ‘स्वास्थ्य हब‘ भी बनता जा रहा है.