अयोध्या: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा रविवार को आयोजित 'धर्म सभा' से पहले अयोध्या एक सुरक्षा किले में तब्दील हो गया. प्रशासन ने शहर में सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं. पुलिस ने कहा कि शहर में हालांकि, भारी सुरक्षा तैनाती है, लेकिन राम लला के सैकड़ों-हजारों भक्त निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर शहर की ओर बढ़ रहे हैं. पीएसी की 48 कंपनियां और अर्ध-सैन्य बलों की 15 कंपनियां सभी प्रमुख सड़कों और चौराहे पर तैनात हैं.
किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए व्यस्त मार्गों पर बैरियर लगाए गए हैं. 150 से अधिक स्थानों पर सर्किट कैमरे लगाए गए हैं ताकि बढ़ती भीड़ पर नजर रखा जा सके.
प्रशासन ने हालांकि कहा कि राम लला के लिए आने वाले भक्तों की संख्या में पिछले कुछ दिनों में कमी देखने को मिली है. जाहिर तौर पर इसका कारण रैली के पहले तनाव और सुरक्षा चिंता है. शहर में शनिवार को 17,680 लोगों ने राम लल्ला के दर्शन किए, जबकि शुक्रवार को इनकी संख्या 49,112 थी.
विहिप नेताओं ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लगभग 50 जिलों के हिंदू भक्तों और राम मंदिर समर्थकों को शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए जुटाया गया है. विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय सहित इसके वरिष्ठ नेता 'धर्म सभा' की व्यवस्था की देखरेख कर रहे हैं.
महात्मा रविंद्र पुरी, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, राम जन्म भूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास, हरिद्वार के जगत्गुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य, जगत्गुरु रामनंदाचार्य स्वामी राम भद्रचार्य, ओडिशा से स्वामी ज्ञानानंद गिरि धार्मिक सहित 100 से ज्यादा प्रमुख हिंदू संत इस धार्मिक सभा में शामिल होंगे.
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