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साल के अंत तक राम मंदिर के लिए कानून लाए सरकार अन्यथा सभी विकल्प खुले हैं: विहिप
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए वह "अंतिम लड़ाई" लड़ रही है और इस साल के अंत तक संसद में एक अध्यादेश लाने के लिए बीजेपी सरकार के लिए एक "समय सीमा" तय की गई है.
नई दिल्ली: विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए वह "अंतिम लड़ाई" लड़ रही है और इस साल के अंत तक संसद में एक अध्यादेश लाने के लिए बीजेपी सरकार के लिए एक "समय सीमा" तय की गई है.
राम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में विहिप की उच्च स्तरीय समिति की एक दिवसीय बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें संसद में एक अध्यादेश लाने की मांग की गई, जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित स्थल पर एक भव्य राम मंदिर के निर्माण का रास्ता निकालेगा.
बैठक के बाद संतों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें प्रस्ताव की एक प्रति सौंपी और उनसे अनुरोध किया कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करें. विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि सरकार के लिए इस साल के अंत तक संसद में अध्यादेश लाये जाने की "समयसीमा" तय की गई है.
नरेंद्र मोदी सरकार को "राम भक्तों" में से एक के रूप में वर्णित करते हुए विहिप नेता ने उम्मीद जतायी कि देश में करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को स्वीकार किया जायेगा और "2018 के सूर्यास्त से पहले" कानून लाया जायेगा.
कुमार ने कहा,"यदि ऐसा नहीं होता है तो इसके बाद हमारे पास सभी विकल्प हैं. इलाहाबाद में महाकुंभ के इतर अगले वर्ष होने वाली दो दिवसीय ‘धर्म संसद’ के दौरान भविष्य की रणनीति पर निर्णय लिया जायेगा.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिये बगैर कुमार ने कहा कि "जनेऊधारी" नेताओं को भी उनकी मांग का समर्थन करना चाहिए.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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