लखनऊ: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कहा कि रविवार को अयोध्या में निर्धारित 'धर्मसभा' राम मंदिर के निर्माण के लिए बाधाओं को दूर करने का 'आखिरी प्रयास' है. मंदिर के शुरुआती निर्माण के लिए रणनीति पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई गई है. एक बयान में वीएचपी क्षेत्रीय संगठनात्मक सचिव भोलेंद ने कहा कि अब और कोई सभाएं नहीं होंगी और अब अगला पड़ाव मंदिर के निर्माण की शुरुआत होगी.


उन्होंने कहा, "अब मंदिर निर्माण के लिए सभाएं, प्रदर्शन और धरना इत्यादि नहीं होंगे और न ही विरोधियों को समझाया जाएगा..सीधे मंदिर निर्माण होगा." विहिप नेता ने कहा कि मंदिर निर्माण के विरोध कर रहे लोगों को तथ्यों का अहसास कराने के लिए आखिरी बार प्रयास किया जा रहा है. सभी प्रयास असफल होंगे तो युद्ध एकमात्र रास्ता बचेगा.


हिंदू संगठन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल राजनीति कर रहे हैं. जनेऊ (पवित्र धागा) पहनकर, कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर और कुछ देवताओं के नामों का जाप कर राहुल हिंदुओं का समर्थक नहीं बन सकते.


25 नवंबर को होने वाली धर्मसभा के मद्देनजर अखिलेश यादव ने अयोध्या में फौज तैनात करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में फौज लगाए क्योंकि बीजेपी वाले कुछ भी कर सकते हैं. बीजेपी को ना तो संविधान पर भरोसा है और ना ही सुप्रीम कोर्ट पर.


यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी का रुख भी इस मुद्दे पर साफ किया और कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के साथ रहेंगे. सरकार द्वारा अध्यादेश लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को माना जाना चाहिए.