नई दिल्ली: क्या आपने कभी ऐसे गांव का नाम सुना है जहां लड़के शादी के नाम से भागने लगते हैं. लड़कों को सिर्फ इतना बता दीजिए कि आपका विवाह उस गांव में होने वाला है. बस फिर क्या. लड़के इतना सुनकर ही रफू चक्कर हो जाएंगे. अब अगर इसके पीछे कारण किसी डाकू गैंग का होना समझ रहे हैं तो ये गलत है.


बंदर का गैंग गांव के अंदर नहीं होने देता कार्यक्रम


बिहार के भोजपुर जिला के रतनपुर गांव में किसी समारोह का आयोजन संपन्न कराना खतरे से खाली नहीं होता. अब ऐसा किसी डाकू गैंग के चलते नहीं होता बल्कि बंदरों के आतंक के कारण होता है. गांव में इंसानों की आबादी से ज्यादा बंदरों की आबादी है. बंदरों का खौफ हर कार्यक्रम में छाया रहता है. चाहे श्राद्ध कार्यक्रम हो, जन्म दिवस हो, शादी समारोह हो या फिर कोई अन्य समारोह. बंदर यहां शिरकत करना कभी नहीं भूलते.


कार्यक्रम में मेहमानों पर छाया रहता खौफ का साया


बंदर जब झुंड की शक्ल में गांव पहुंचते हैं तो अफरा तफरी मच जाती है. हर किसी पर डर का साया दिखाई देने लगता है. खाना बर्बाद करने के साथ बंदर आयोजन स्थल पर उत्पात मचाते रहते हैं. शोर शराबा और हंगामे के बीच कार्यक्रम में आए हुए मेहमान भागने में अपनी भलाई समझते हैं. अब भला समारोह से मेहमान ही भाग जाएं तो कौन लड़का शादी करना पसंद करेगा. दूल्हा दूर रहकर उत्पाती बंदरों के आतंक देखता रहता है.


बंदरों के खौफ को इसी से समझिए कि जब रतनपुर गांव से शादी का प्रस्ताव आता है तो दूल्हा वाले ठुकरा देते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि प्रशासन ने बंदरों पर काबू पाने का प्रयास न किया हो. बल्कि प्रशासन के तमाम प्रयास के बावजूद बंदरों की बढ़ती संख्या पर रोक नहीं लगाई जा सकी है.


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