दरअसल फिल्म का पहला पोस्टर, फर्स्ट लुक ही विवादों से घिर गया था. इस फिल्म को नॉस्ट्रम इंटरटेनमेंट के बैनर तले बनाया जा रहा था. पोस्टर में भगवा वस्त्र धारण किए शख्स को अपने पीछे रिवाल्वर छिपाए दिखाया गया है. उस शख्स का हुलिया पूरी तरह से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसा ही दिख रहा है.
पोस्टर में गाय के बछड़े की तस्वीर भी साफ दिख रही है. फिल्म को विनोद तिवारी प्रोड्यूस और डायरेक्ट कर रहे थे. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडिल पर खुद इस पोस्टर को पोस्ट किया था. पोस्टर को देखकर ये तो साफ है कि ये फिल्म मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बायोपिक नहीं है.
लेकिन किसी किरदार को योगी जैसा लुक देने, उसे पिस्तौल पकड़ाने और साथ में गाय, मंदिर दिखाने पर विवाद हो रहा था. इस पोस्टर से सीएम योगी के चाहने वाले लोग नाराज थे साथ ही गोरखपुर के लोग भी खुश नहीं थे.
नॉस्ट्रम इंटरटेनमेंट इससे पहले ‘तेरी भाभी है पगले’ नाम से फिल्म बना चुका है जो बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर पड़ी थी. हालांकि विनोद तिवारी ने इसे योगी आदित्यनाथ की बॉयोपिक होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू युवा वाहिनी की स्थापना साल 2001 में की थी. 26 साल की उम्र में पहली बार संसद पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ की कहानी दिलचस्प है. उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के पौड़ी जिले के छोटे से गांव पंचूर के राजपूत परिवार में जन्मे अजय सिंह बिष्ट ने मात्र 22 साल की उम्र में ही सन्यास ले लिया था.
गोरक्षपीठ का उत्तराधिकारी बनने के बाद उन्हें अजय सिंह बिष्ट की जगह योगी आदित्यनाथ के नाम से जाना जाने लगा. वे लगातार पांच बार सांसद बने. आज वे देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.