लखनऊ: जहां एक तरफ प्रदेश के योगी सरकार प्रदेश से अपराध व अपराधियों के सफाये की बात कहती हैं वही दूसरी तरफ जेलों में बन्द खूंखार अपराधियों के लिए जेल एक ऐशगाह बनी हुई है. इसका नमूना रायबरेली में देखने को मिला. रायबरेली जिला जेल में कैदियों द्वारा कथित रूप से शराब मंगवाने, पार्टी करने, जेलर को रिश्वत देने की बात कहने और रंगदारी मांगने का वीडियो वायरल हुआ है.


वीडियो वायरल होने के बाद वरिष्ठ कारागार अधीक्षक समेत छह अधिकारियों को सोमवार को निलम्बित करने के साथ-साथ उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. साथ ही आनन-फानन में अपराधियों का दूसरे जेल स्थानांतरण भी कर दिया गया है.


वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे जेल में खुलेआम शराब पी जा रही है, बिरयानी और चिकेन खाया जा रहा है. सामने पिस्टल रखी हुई है.  फोन पर रंगदारी मांगी जा रही है न देने की स्थिति में जान से मरवाने की धमकी दी जा रही है. शराब व बिरयानी से साथ ही डिप्टी जेलर को पैसा देकर रोस्टेड, बिरयानी, और शराब की बोतल मंगाने की बात हो रही है.


बता दें कि गैंगेस्टर मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जेलों की सुरक्षा चाक चौबंद कर दी गयी थी. लेकिन ये वीडियो वायरल होने के बाद जेल व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गए हैं.


गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि रायबरेली जिला जेल के अंदर कैदियों द्वारा किसी को फोन करके शराब मंगवाने, किसी को धमकी देने और जेलर को रिश्वत देने की बात करने का वीडियो वायरल होने के मामले में जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक प्रमोद कुमार शुक्ल, कारापाल गोविन्द राम वर्मा, उप कारापाल रामचन्द्र तिवारी, मुख्य जेल वार्डन लालता प्रसाद उपाध्याय, जेल वार्डन गंगाराम और शिवमंगल सिंह को निलम्बित करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.


उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो में दिखायी दे रहे चार बंदी अपराधियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करके उन्हें अन्य कारागारों में स्थानान्तरित कर दिया गया है.


सूत्रों के मुताबिक गत 21 नवम्बर को जेल में ली गयी सघन तलाशी के दौरान चार मोबाइल फोन सेट और एक सिमकार्ड बरामद किये जाने का मामला भी उसी मुकदमे में शामिल कर दिया गया है.


उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर कल रविवार को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा एक बार फिर जेल में तलाशी लिये जाने पर सिगरेट, लाइटर, माचिस, मिठाइयां औरमेवे आदि खाद्य पदार्थ बरामद हुए थे. इस पूरे प्रकरण में लापरवाही बरतने के आरोप में वरिष्ठ जेल अधीक्षक समेत छह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.


यह भी देखें