गोरखपुरः 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर सियासत एक बार फिर तेज हो गई है. जहां आरएसएस के सा‍थ साधु-संतों ने भी जल्‍द राम मंदिर निर्माण का आह्वान किया है. तो वहीं विहिप ने भी 25 नवंबर को अयोध्‍या में धर्मसभा का आयोजन कर इसे और हवा दे दी है. देशभर से वहां साधु-संतों के साथ विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी जुटने की तैयारी में हैं. इसे लेकर गोरखपुर में भी विहिप ने एक बैठक कर अधिक से अधिक संख्‍या में अयोध्‍या कूच करने का मन बना लिया है.


मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के शहर गोरखपुर में विहिप के प्रांत संगठन मं‍त्री प्रदीप पाण्‍डेय के नेतृत्‍व में बैठक हुई. बैठक में 25 नवंबर को अयोध्‍या में होने वाली बैठक में अधिक से अधिक संख्‍या में लोगों से पहुंचने का आह्वान किया गया. इस दौरान प्रदीप पाण्‍डेय ने कहा कि राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण करोड़ों हिंदुओं के आस्था का मामला है. राष्ट्र की अखंडता, अस्मिता, चेतना और स्वाभिमान पर 490 वर्ष पूर्व हुए बाबरी प्रहार को हिन्‍दू समाज कब तक बर्दाश्त करेगा.


पाण्‍डेय ने कहा कि हिंदू समाज का धैर्य खत्म हो रहा है. कोर्ट की प्राथमिकता में यह विषय नहीं है. यह सुनकर हिंदू समाज को आघात पहुंचा है. राम जन्मभूमि के लिए बलिदान हुए चार लाख से ज्यादा बलिदानियों को आखिर न्याय कब मिलेगा. अब हम और चुप नहीं बैठ सकते. कोर्ट या केंद्र सरकार या फिर दोनों मिलकर राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए प्रयास करें. यही मांग लेकर आगामी 25 नवंबर को अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद ने विराट धर्म सभा का आयोजन किया है.


विहिप गोरखपुर में 20 नवंबर को दोपहर तीन बजे मोटरसाइकिल जुलूस और 23 नवंबर की शाम चार बजे मशाल जुलूस निकालेगी. धर्मसभा के माध्‍यम से केन्‍द्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट दोनों को ये संदेश दिया जाएगा कि वे 100 करोड़ हिन्‍दुओं की भावनाओं को ध्‍यान में रखकर शीघ्र कोई निर्णय लें, जिससे रामलला के भव्‍य मंदिर का अयोध्‍या में निर्माण प्रारम्‍भ हो सके.


प्रदीप पाण्‍डेय ने कहा कि जो भी इस देश की मूल विचारधारा के लोग हैं वो राम मंदिर के विरोधी नहीं हो सकते हैं. भगवान श्रीराम हमारे पूर्वज हैं, तो उनके भी पूर्वज हैं. 100 करोड़ हिन्‍दुओं में असंतोष उत्‍पन्‍न हो रहा है. प्रांत कार्यालय पर हुई बैठक में गोरखपुर महानगर मे रहने वाले सभी प्रांत और विभाग के पदाधिकारियों सहित महानगर, प्रखण्ड व खंड के पदाधिकारियों ने भाग लिया.