विवेक तिवारी हत्याकांड: आरोपी पुलिसकर्मी संदीप कुमार की जमानत याचिका नामंजूर
बता दें कि इस मामले की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना पुलिसकर्मियों द्वारा परिस्थिति आवेश में आने के कारण और अपने दायित्वों को ढंग से निर्वहन न करने के चलते घटित हुई है.
लखनऊ: एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के सिलसिले में जेल में बंद पुलिसकर्मी संदीप कुमार की जमानत याचिका अपर सत्र न्यायाधीश एसएस पांडे ने सोमवार को नामंजूर कर दी.
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संदीप कुमार को 22 मार्च 2019 को जेल भेजा गया था. पुलिस ने उसके खिलाफ केवल आईपीसी की धारा 323 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था और उसे जमानत पर रिहा किया गया था लेकिन बाद में धाराएं बढ़ने के बाद उसे आत्मसमर्पण करना पड़ा था.
निचली अदालत ने उसके खिलाफ आरोप तय किए थे और अब अभियोजन पक्ष के साक्ष्य रिकॉर्ड होने हैं.
पुलिसकर्मी संदीप कुमार और प्रशांत चौधरी ने कथित रूप से विवेक तिवारी की गोमती नगर में 28 और 29 सितंबर 2018 मध्य रात्रि को गोली मारकर हत्या कर दी थी.
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क्या है मामला पिछले साल सितंबर में एपल कंपनी का बड़ा इवेंट था. कंपनी के दो फोन भारत में लॉन्च किए गए थे. विवेक तिवारी एपल कंपनी के एरिया मैनेजर थे. उनके लिए ये बहुत बड़ा मौका था. वे रात में देर से ऑफिस से निकले. उनके साथ उनकी सहकर्मी सना भी थीं. वे सना को उसके घर छोड़ने के बाद अपने घर जाने वाले थे.
करीब डेढ़ बजे उन्होंने अपनी पत्नी से बात की उन्हें बताया कि फोन लॉचिंग की वजह से ऑफिस में देर हो गयी, इसीलिए वो अपनी सहकर्मी सना को घर छोड़ते हुए लौटेंगे. गोमतीनगर इलाके में अचानक दो पुलिसवालों ने उन्हें रोका, जिनमें से एक प्रशांत और दूसरा संदीप था.
प्रशांत ही वो सिपाही है जिसने गोली चलाई. यह घटना 28 और 29 सितंबर के दरम्यानी रात की है. आरोपी सिपाही के मुताबिक विवेक तिवारी ने बार-बार उस पर गाड़ी चढ़ाई इसलिए उसने पिस्टल निकाली लेकिन उस वक्त गाड़ी में मौजूद सना का बयान बिलकुल अलग है.