लखनऊ: विवेक तिवारी की मौत होने से बाद से ही यूपी के पुलिस महकमे में खलबली मची है. सोशल मीडिया में आरोपी सिपाहियों के समर्थन में तरह-तरह के पोस्ट किए जा रहे हैं. ऐसे लोगों की पहचान के लिए डीजीपी ऑफ़िस ने एक टीम बनाई है. योगी सरकार के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कांस्टेबल सर्वेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया है. एटा के इस सिपाही ने अपने वीडियो में मीडिया, पुलिस अफ़सरों और मंत्रियों को गालियां दी थीं. खेल के कोटे से उसे यूपी पुलिस में नौकरी मिली थी.
सोशल मीडिया में आरोपी सिपाही का बचाव करने के आरोप में सर्वेश को निलंबित कर दिया गया है. यूपी की डीआईजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने कहा, 'अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ लखनऊ में एक केस भी दर्ज किया गया है. विवेक तिवारी को गोली मारने वाले सिपाही प्रशांत चौधरी का समर्थन करने वालों के नाम इस एफआईआर में शामिल कर लिया जायेगा'.
लखनऊ में एसपी नॉर्थ के पद पर तैनात चक्रेश मिश्र पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन पर आरोप है कि आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की पत्नी के बैंक खाते में उन्होंने 5 हज़ार रूपये जमा करवाए थे. पुलिस की जांच में ये बात सच निकली लेकिन 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी चक्रेश मिश्र के ख़िलाफ़ अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ है.
क्या है मामला
लखनऊ में एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी गई थी. आरोप है कि गाड़ी न रोकने पर कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने उन्हें गोली मार दी थी. विवेक अपने सहयोगी सना को छोड़ने उसके घर जा रहे थे. यह घटना 28 और 29 सितंबर के दरम्यानी रात की है.
लखनऊ में विवेक तिवारी को गोली मारने का आरोपी पुलिसवाला थाने में घूमकर कर रहा था प्रेस कॉन्फ्रेंस
बुलन्दशहर का रहनेवाला प्रशांत चौधरी और उसका साथी सिपाही संदीप राणा अब जेल में है. प्रशांत की पत्नी राखी मल्लिक भी कांस्टेबल है. राखी के बैंक खाते में साथी सिपाहियों ने एक दिन में 5 लाख रूपये जमा करवा दिए. सोशल मीडिया में ये कहा जा रहा है कि प्रशांत की मदद के लिए उसकी पत्नी के खाते में पैसा डालें. जिससे कोर्ट कचहरी में प्रशांत की मदद हो पाएगी.
पिछले कुछ दिनों से काली पट्टी बाँधे यूपी पुलिस से कुछ सिपाहियों का फ़ोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था. जॉंच में पता चला कि ये दो साल पुरानी तस्वीर है. आपराधिक मामलों में बर्खास्त सिपाही इस फ़ोटो को वायरल करा रहे हैं. यूपी के डीआईजी, क़ानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है. उन्होंने कहा कि 2012 से बर्खास्त सिपाही ही यूपी पुलिस की छवि ख़राब करने में जुटे हैं. राज्य के डीजीपी ओपी सिंह कहते हैं कि पुलिस में कहीं कोई असंतोष नहीं है. उन्होंने नए कांस्टेबलों के लिए जल्द ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने के आदेश दिए हैं. लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्ण ने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है.
यूपी पुलिस ने किया 'आम आदमी का एनकाउंटर', योगी बोले- जरूरत पड़ने पर CBI जांच भी कराएंगे