इसके पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर रविवार को विवेक तिवारी के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी. उन्होंने इस हत्याकांड के लिए बेधड़क एनकाउंटर के आदेश देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को असली गुनहगार बताया. उन्होंने विवेक की मां से बातकर उनका दुख बांटने का प्रयास किया और पीड़ित परिवार से कहा कि दुख की घड़ी में वह उनके साथ हैं. वह हर तरह की मदद के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी योगी सरकार पर दबाव बनाकर दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का पूरा प्रयास करेगी.
वहीं मीडिया से बातचीत में राज बब्बर ने कहा, "हमने परिवार को पार्टी की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिया है. पार्टी उनकी सहायता के लिए खड़ी है."
उन्होंने इस घटना का लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और कहा कि विवेक की पत्नी के बजाय उनकी महिला मित्र की तरफ से एफआईआर दर्ज कराकर पुलिस ने केस को कमजोर करने की कोशिश की है. अगर पत्नी ने एफआईआर दर्ज कराई होती तो सच जल्द सामने आता. पुलिस ने चालाकी की है.
वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी यूपी की बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि समाज को सुरक्षा देने की ज़िम्मेदारी पुलिस की रही है, लेकिन वही गोली मारने लगें तो फिर कैसी हालत होगी. मुख्यमंत्री से लेकर उप मुख्यमंत्री पर मुक़दमे दर्ज हैं. इससे पहले नोएडा में जितेन्द्र यादव के साथ यही हुआ. इसी तरह बागपत के सचिन गूजर का भी एनकांउटर हो गया. अलीगढ एनकांउटर में भी पुलिस पर सवाल खड़े हुए. कभी किसी सरकार को मानवाधिकार आयोग से इतने नोटिस नहीं मिले.