लखनऊ: विवेक तिवारी हत्याकांड की इकलौती गवाह सना ने ABP न्यूज़ से बातचीत में बड़े खुलासे किए हैं. सना ही उस दिन विवेक तिवारी के साथ गाड़ी में थीं. सना ने कहा कि पुलिसवालों ने गाड़ी पर सामने से गोली मारी थी, विवेक का कोई झगड़ा नहीं हुआ था. सना ने कहा कि हमलोग घर आ रहे थे कि तभी सामने से एक बाइक पर दो पुलिसवाले आए और गोली चला दी. सना ने कहा कि घटना के बाद से मुझे गुमराह करने के लिए बिना लेडी पुलिस के इधर-उधर घुमाया गया.


सना ने बताया क्या हुआ था उस रात


गाड़ी क्यों नहीं रोकी इस सवाल पर सना ने कहा कि रात का वक्त था और कोई भी आदमी जिसके साथ कोई महिला हो, दोस्त हो, बहन हो बीवी हो वो गाड़ी नहीं रोकता. विवेक को उस वक्त गाड़ी रोकना सही नहीं लगा उन्होंने गाड़ी साइड से निकालने की कोशिश की. तबतक पुलिस वाले बाइक से उतर कर सामने खड़े हो गए थे. गाड़ी निकालने की कोशिश में बाइक को धक्का लगा और बाइक गिर गई. इसके बाद जब विवेक ने गाड़ी वहां से निकालनी चाही तो गाड़ी बाइक के एक पहिए पर चढ़ गई. विवेक ने जब तीसरी बार गाड़ी आगे बढ़ाने की कोशिश की तो पुलिस वालों ने गोली मार दी. सना ने कहा कि पुलिस वाले पहले से ही गुस्से में थे.


सना ने बताया कि जब ये घटना हुई उस वक्त मेरा फ़ोन मेरे पास नहीं था, विवेक का फ़ोन लॉक था लिहाज़ा पुलिस बुलाने में पंद्रह मिनट का वक़्त लगा. उसके पंद्रह मिनट बाद तक जब एम्बुलेंस नहीं आयी तो मैंने पुलिस की जीप से विवेक को हॉस्पिटल ले जाने की जिद की. हॉस्पिटल पहुंचने के बाद दस मिनट का वक़्त मेडिकल और लीगल फॉर्मेल्टी में बीत गया. सना ने बताया कि ईसीजी होने तक विवेक तिवारी ज़िंदा थे.


बता दें कि हत्या कांड में एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है. एसआईटी के चीफ़ आईजी सुजीत पांडे ने दल-बल के साथ रविवार को मौका-ए-वारदात का दौरा कर तस्वीरें और सैंपल भी इकट्ठा किए. आईजी के दौरे के समय फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी मौजूद रहे. आईजी का कहना है कि अगर एसआईटी की जांच में कुछ सामने आता है तो आगे सीबीआई जांच के लिए अपील की जाएगी.


वहीं एडीजी राजीव कृष्ण, और एसएसपी ने विवेक के परिजनों से मुलाकात की और परिवार को 24 घंटे पुलिस प्रोटेक्शन देने की बात कही. बता दें कि विवेक की पत्नी ने पूरे परिवार को जान का खतरा होने की बात कही है.


क्या है पूरी घटना?
शुक्रवार शाम एपल कंपनी का बड़ा इवेंट था. कंपनी के दो फोन भारत में लॉन्च किए गए थे. ये फोन शाम छह बजे से बाजार में बेचे जाने शुरु हुए थे. विवेक तिवारी एपल कंपनी के एरिया मैनेजर थे. उनके लिए ये बहुत बड़ा मौका था. वे रात में देर से ऑफिस से निकले. उनके साथ उनकी सहकर्मी सना भी थीं. वे सना को उसके घर छोड़ने के बाद अपने घर जाने वाले थे.


करीब डेढ़ बजे उन्होंने अपनी पत्नी से बात की उन्हें बताया कि फोन लॉचिंग की वजह से ऑफिस में देर हो गयी, इसीलिए वो अपनी सहकर्मी सना को घर छोड़ते हुए लौटेंगे. गोमतीनगर इलाके में अचानक दो पुलिसवालों ने उन्हें रोका, जिनमें से एक प्रशांत था.


प्रशांत ही वो सिपाही है जिसने गोली चलाई. आरोपी सिपाही के मुताबिक विवेक तिवारी ने बार-बार उस पर गाड़ी चढ़ाई इसलिए उसने पिस्टल निकाली लेकिन उस वक्त गाड़ी में मौजूद सना का बयान बिलकुल अलग है. आरोपी पुलिसवालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन इस घटना ने पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है.