विवेक तिवारी हत्याकांड: आरोपी सिपाहियों को मौका-ए-वारदात पर लेकर पहुंची SIT, किया गया घटना का रिक्रिएशन
विवेक तिवारी हत्याकांड की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी की टीम ने वारदात की अकेली चश्मदीद सना के जरिए पहला सीन रिक्रिएट किया. सना से मिली जानकारी के बाद टीम ने आरोपी सिपाहियों के जरिए दोबारा घटना का रिक्रिएशन किया है ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके.
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लखनऊ: लखनऊ के जिस विवेक तिवारी हत्याकांड से उत्तर प्रदेश पुलिस की फजीहत हुई, पुलिस में सिपाही और अफसर दो धड़े में बंट गए वो हत्याकांड अभी भी लखनऊ पुलिस और एसआईटी टीम के लिए पहेली बना हुआ है. शनिवार देर रात एसआईटी की टीम आरोपी सिपाहियों को लेकर मौके पर पहुंची और रियल टाइम पर क्राइम सीन का रिक्रिएशन किया गया.
28 सितंबर की वो रात जब विवेक तिवारी अपनी ऑफिस के पार्टी से निकल कर सना को घर छोड़ने जा रहे थे तो आखिर उस रात हुआ क्या था? किन परिस्थितियों में गश्त कर रहे गोमती नगर के दोनों सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप ने विवेक तिवारी को गोली मारी. कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने के लिए एसआईटी की टीम ने शनिवार देर रात क्राइम सीन का रिक्रिएशन किया.
विवेक तिवारी हत्याकांड की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी की टीम ने वारदात की अकेली चश्मदीद सना के जरिए पहला सीन रिक्रिएट किया. सना से मिली जानकारी के बाद टीम ने आरोपी सिपाहियों के जरिए दोबारा घटना का रिक्रिएशन किया है ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके.
एसआईटी की टीम रिमांड पर लिए गए दोनों सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे. 28 सितंबर की रात हुई वारदात को फिर से दोहराया गया. दोनों आरोपियों को एक गाड़ी में ही रखा गया और फोन पर एसआईटी हेड आईजी खुद घटनाक्रम समझ रहे थे.
वारदात की रात प्रशांत चौधरी और संदीप विवेक तिवारी की एक्सयूवी गाड़ी से कितने दूर थे. कहां पर टक्कर लगने के उनकी बाइक गिरी थी. ऐसे तमाम सवालों को लेकर एसआईटी ने मामले को समझने की कोशिश की. करीब सवा घंटे चले इस पूरे रीक्रिएशन के दौरान एसआईटी ने एक-एक पहलू पर जांच की.
क्या है पूरी घटना? 28 सितंबर शुक्रवार शाम एपल कंपनी का बड़ा इवेंट था. कंपनी के दो फोन भारत में लॉन्च किए गए थे. ये फोन शाम छह बजे से बाजार में बेचे जाने शुरु हुए थे. विवेक तिवारी एपल कंपनी के एरिया मैनेजर थे. उनके लिए ये बहुत बड़ा मौका था. वे रात में देर से ऑफिस से निकले. उनके साथ उनकी सहकर्मी सना भी थीं. वे सना को उसके घर छोड़ने के बाद अपने घर जाने वाले थे.
करीब डेढ़ बजे उन्होंने अपनी पत्नी से बात की उन्हें बताया कि फोन लॉचिंग की वजह से ऑफिस में देर हो गयी, इसीलिए वो अपनी सहकर्मी सना को घर छोड़ते हुए लौटेंगे. गोमतीनगर इलाके में अचानक दो पुलिसवालों ने उन्हें रोका, जिनमें से एक प्रशांत था.
प्रशांत ही वो सिपाही है जिसने गोली चलाई. आरोपी सिपाही के मुताबिक विवेक तिवारी ने बार-बार उस पर गाड़ी चढ़ाई इसलिए उसने पिस्टल निकाली लेकिन उस वक्त गाड़ी में मौजूद सना का बयान बिलकुल अलग है. आरोपी पुलिसवालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन इस घटना ने पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है.
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