पटना: बिहार के चर्चित सेक्स रैकेट कांड में संदेश से आरजेडी विधायक अरुण यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. पीड़िता की तरफ से दूसरी बार कोर्ट में दिए बयान में नाम आने के बाद से अरुण यादव फरार चल रहे हैं. पुलिस गिरफ्तारी के लिए लगातार कोशिश कर रही है. भोजपुर पुलिस ने विशेष पास्को एक्ट कोर्ट के एडीजे प्रथम आरके सिंह से फरार विधायक अरुण यादव के घर इश्तिहार चिपकाने की इजाजत देने का अनुरोध किया था. कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद बुधवार को इश्तिहार चिपका दिया गया है, जिसमें विधायक से सरेंडर करने को कहा गया है.
बता दें कि सोशल मीडिया पर पीड़िता की आपबीती का वीडियो वायरल हो गया था. इसके बाद पुलिस ने 6 सितंबर को दोबारा से कोर्ट में 164 का कलम बंद बयान दर्ज कराया. इसमें उसने आरजेडी विधायक अरुण यादव का नाम लिया. इसके पहले भी पीड़िता ने विधायक और एक इंजीनियर की संलिप्तता की बात पुलिस और कोर्ट के सामने दिए अपने बयान में कही थी. लेकिन उस समय ये साफ नहीं हो पाया था कि आखिरकार विधायक कौन है और किस पार्टी का है. पीड़िता ने पुलिस पर भी केस को रफा दफा करने का आरोप लगाया.
13 सितंबर को आरोपी विधायक के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया और विधायक को गिरफ्तारी करने की कोशिश में पुलिस लग गई. जब विधायक ने सरेंडर नहीं किया तो पुलिस फिर से कोर्ट में फरार विधायक के खिलाफ 16 सितंबर को इश्तेहार व कुर्की दोनों के लिए आवेदन दिया था.
सेक्स रैकेट कांड का घटनाक्रम
18 जुलाई 2019: पटना के सेक्स रैकेट संचालकों के चंगुल से भागकर नाबालिग आरा पहुंची थी. इसके बाद आरा टाउन थाना पुलिस ने संचालिका अनीता और उसके सहयोगी संजीत उर्फ छोटू को गिरफ्तार किया था.
19 जुलाई 2019: टाउन थाना पुलिस ने पीड़िता के भाई के बयान पर केस दर्ज किया था. उसी दिन सदर अस्पताल आरा में नाबालिग का मेडिकल जांच कराया गया था.
20 जुलाई 2019: सेक्स रैकेट कांड की पीड़िता का आरा कोर्ट में 164 के तहत पहली बार बयान दर्ज कराया गया था. इसके बाद गिरफ्तार संचालिका अनीता और उसके सहयोगी संजीत को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इस दौरान पुलिस ने 161 के तहत बयान भी अंकित किया था. इसमें संचालक संजय उर्फ जीजा, इंजीनियर और केवल एक विधायक का नाम आया था.
23 जुलाई 2019: सेक्स रैकेड कांड की पीड़ित को सुरक्षा गार्ड मुहैया कराया गया था. एक महिला और एक पुरुष गार्ड की आवास पर तैनाती की गई थी.
24 जुलाई 2019: सेक्स रैकेट कांड मामले में पटना से जांच के लिए महिला डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम आई थी. पीड़ित से पूछताछ कर कई बिंदुओं पर साक्ष्य एकत्रित करने का प्रयास किया था.
25 जुलाई 2019: आरा जेल में बंद संचालिका अनीता और उसके सहयोगी संजीत को पूछताछ के लिए चार दिनों की रिमांड पर लिया गया. इस दौरान भोजपुर एसपी ने केस के अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का भी गठन किया था.
26 जुलाई 2019: एसआईटी की टीम ने पटना से संदेह के आधार पर तीन लोगों को पकड़ा था. असली के बदले नकली संजय पुलिस के हत्थे चढ़ गया. बाद में पूछताछ के बाद उसे छोड़ना पड़ा.
29 जुलाई 2019: सेक्स रैकेट कांड में एसआईटी की टीम ने हाजीपुर में छापेमारी कर वांछित मनरेगा के इंजीनियर अमरेश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था. इसके इसे बाद आरा लाया गया. बाद में पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया. इंजीनियर ने पीड़िता के आवास पर आने की बात स्वीकारी थी लेकिन यौन शोषण से इंकार किया था.
30 जुलाई 2019: सेक्स रैकेट कांड में एसआईटी की टीम ने कैमूर के भभुआ स्थित एक होटल में छापेमारी कर मुख्य संचालक संजय यादव उर्फ जीजा को गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई थी कि पुलिस से बचने के लिए वह घूम-घूमकर यौनवर्धक दवाएं बेचता था.
01 सितंबर 2019: पीड़िता ने नागरी प्रचारिणी में केंद्रीय मंत्री से मिलने का भी प्रयास किया था. उस दिन किसी ने उसका एक वीडियो भी बनाया गया था जो बाद में वायरल हो गया.
06 सितंबर 2019: पटना से महिला विकास मंच की चार सदस्यी टीम आरा आई. थाना के आईओ से पूछताछ की थी. टीम पीड़िता के घर गई. इसके बाद उसी दिन आरा कोर्ट में पीड़िता का दुबारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया था. इसमें उसने आरजेडी विधायक का नाम लिया.
09 सितंबर 2019: टाउन थाना पुलिस ने आरा कोर्ट से पीड़िता के दोबारा दर्ज बयान की कॉपी बंद लिफाफा में प्राप्त किया. इस सीलबंद लीफाफे को सीधे भोजपुर एसपी को सौंपा गया था.
13 सितंबर 2019: पीड़िता के दोबारा 164 के बयान के बाद आरजेडी विधायक के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया.
16 सितंबर 2019: सेक्स रैकेट मामले में फरार चल रहे आरोपी विधायक पर कोर्ट ने इश्तिहार जारी किया.