गोरखपुर: भारी बारिश के कारण यूपी का हाल बेहाल है. कई शहरों में मकान गिरने से जान-माल का नुकसान भी हुआ है. लेकिन, गोरखपुर के अधिकारी इससे सबक नहीं ले रहे हैं. हाल ये है कि आरटीओ के अधिकारी और कर्मचारी बरसों से जर्जर भवन में जान हथेली पर रखकर काम कर रहे हैं. बरसात के सीजन में तो इस भवन और यहां काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों का और भी बुरा हाल हो जाता है.

बरसों पुराने इस जर्जर भवन की खपरैल से बनी छत हर जगह से टपक रही है. वहीं हर विभाग में पानी भर गया है. ये भवन कब भर-भराकर जमींदोज हो जाए इसका कोई भरोसा नहीं है. इसके बावजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को ऑफिस के अंदर भी रेनकोट पहनकर और छाता लगाकर काम करना पड़ रहा है.



गोरखपुर का सम्‍भागीय परिवहन विभाग कार्यालय पॉश सिविल लाइन्‍स एरिया में बना है लेकिन बरसों पुराने इस जर्जर भवन में चल रहे इस कार्यालय का हाल देखकर आपके भी होश उड़ जाएंगे. ऐसा हाल तो किसी भी सरकारी कार्यालय का आज तक आपने नहीं देखा होगा. इस भवन में काम करने वाले कर्मचारियों को कार्यालय के अंदर भी छाता लगाकर काम करना पड़ता है. बहुत से कर्मचारी तो यहां पर रेनकोट पहनकर भी काम करते मिल जाएंगे.

इस भवन की खपरैल से निर्मित छत हर जगह से टपक रही है. कार्यालय के हर कमरे का यही हाल है. अधिकारी और कर्मचारी भी जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं. लाइसेंस बनवाने आए आमिर खान ने बताया कि वे लाइसेंस बनवाने आए हैं. मैदान में पानी भरा हुआ है. वहीं छत भी टपक रही है. ऐसे में मजबूरी में भीगते हुए भी लाइसेंस बनवाना पड़ रहा है.

आरटीओ विभाग जबसे अस्तित्‍व में आया है तभी से इसी किराए के भवन में चल रहा है. योगी आदित्‍यनाथ ने मुख्‍यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर से 20 किमी दूर गीडा में भवन के निर्माण की घोषणा की थी लेकिन नए भवन का काम भी अभी शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में कार्यालय में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को भी बरसात के इस सीजन में इसी जर्जर भवन में काम करना पड़ रहा है.

बरसात के कारण भवन की छत से पानी टपक रहा है. हालात ऐसे हैं कि कर अनुभाग के कर्मचारी सुनील मणि त्रिपाठी को छाता लगाकर काम करना पड़ रहा है. ऐसे में वे बताते हैं कि सारे इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस हैं. इसलिए हर बरसात में ऐसे ही वे कार्यालय में छाता लगाकर काम करते हैं.



रणधीर बताते हैं कि गेट से लेकर यहां तक पानी भरा हुआ है. हर सेक्‍शन में पानी भरा हुआ है. कर्मचारी इसी हाल में काम करने को मजबूर हैं और हम कर्मचारियों से काम कराने को मजबूर है. हैरानी की बात ये है कि शासन और प्रशासन भी अभी तक इसका संज्ञान नहीं ले रहा है. आरटीओ कार्यालय में आरटीओ, एआरटीओ, डीएल, रजिस्‍ट्रेशन परमिट, चालान, मालवाहन, अतिरिक्‍त कर, प्रवर्तन दल समेत अनेक विभाग हैं.

ऐसे में आरटीओ कार्यालय में रेनकोट पहनकर काम कर रहे प्रधान सहायक संजय कुमार सिंह बताते हैं कि बरसात का सीजन है इसलिए रेनकोट पहनकर काम करना पड़ रहा है. वे कहते हैं कि कर्मचारी हैं, तो किसी भी हाल में काम तो करना ही है. बरसात में इस तरह का हाल हर साल हो जाता है. वहीं आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवाने आए योगेश कुमार त्रिपाठी बताते हैं कि वे गेट से अंदर आए हैं वहां से पानी भरा हुआ है. कार्यालय के अंदर भी पानी है. इसके साथ ही सारी छतें टपक रही हैं.



वहीं सम्‍भागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) भीम सेन सिंह कहते हैं कि आज सामान्‍य से अधिक बारिश हुई है. इस कारण हमारे कार्यालय परिसर में पानी भर गया है. नगर निगम के अधिकारियों से बात की गई है. पम्पिंग सेट से पानी को बाहर निकालने की व्‍यवस्‍था की जा रही है. जहां से पानी टपक रहा है वहां पर मरम्‍म्‍त की व्‍यवस्‍था कराई जा रही है.