इलाहाबाद: स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित हो रहे संगम के शहर इलाहाबाद के पॉश इलाके की वीआईपी कालोनी पिछले एक हफ्ते से सीवर और नाले के गंदे पानी में डूबी हुई है. कालोनी की गलियों में पिछले कई दिनों से घुटनों तक पानी भरा हुआ है और लोग इसी गंदे पानी के बीच से आने -जाने को मजबूर हैं. हफ्ते भर बाद भी गंदा पानी निकाले जाने का कोई इंतजाम नहीं होने से यहां अब बीमारी फ़ैल रही है, लिहाजा लोग घरों में ताला लगाकर रिश्तेदारों के यहां शरण लेने को मजबूर हैं.
कुंभ मेले और स्मार्ट सिटी की तैयारियों में जुटे अफसरों को हफ्ते भर बाद भी अभी यह समझ नहीं आया है कि बेमौसम के जलभराव की इस समस्या को कैसे दूर किया जाए. लाचार नजर आ रहे सरकारी महकमे ने यह समस्या कम से कम दो दिन और बनी रहने की बात कही है.
जिस पॉश इलाके करेली में पिछले एक हफ्ते से जलभराव की वजह से लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं, वह यूपी की योगी सरकार के प्रवक्ता और सूबे के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का चुनाव क्षेत्र है. परेशान लोगों ने फोन के ज़रिये मंत्री जी तक भी अपनी परेशानी बताई, लेकिन बयानबाज मंत्री सिर्फ वायदों और आश्वासनों से ज़्यादा कुछ नहीं कर सके हैं.
इलाहाबाद के करेली इलाके की जाफरी कालोनी में पांच सौ से ज़्यादा मकान हैं और यहाँ करीब तीन हजार लोग रहते हैं. कालोनी में किनारे की तरफ कुछ लोगों ने नाले पर कब्जा कर अवैध निर्माण कर लिया है. नाले पर निर्माण न होने से उसकी सफाई नहीं हो पाती. कालोनी में सीवर लाइन भी नहीं है.
नाले की सफाई न होने से उसका पानी ओवर फ्लो होकर अक्सर ही कालोनी की गलियों में आ जाता है. पहले यह समस्या एक दो दिन में दूर हो जाती थी, लेकिन इस बार गलियों में आया पानी पिछले एक हफ्ते से लगातार भरा हुआ है. गलियों में घुटने भर पानी भरा होने से लोग या तो घरों में कैद रहने को मजबूर हैं या फिर घरों में ताला लगाकर दूसरी जगहों पर चले गए हैं.
नगर निगम की अपर नगर आयुक्त ऋतू सुहास का कहना है कि समस्या दूर होने में कम से कम दो दिन लगेंगे, क्योंकि इसके लिए बाहर से मशीन मंगाई जानी है. उन्होंने नाले पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की भी बात कही है.