कानपुर: उत्तर प्रदेश की जंग जीतने और मुस्लिम वोटों से अपनी झोली भरने के लिए मायावती ने अपनी आखिरी कोशिश के तहत साफ किया है कि वो विपक्ष में बैठ जाएंगी, लेकिन बीजेपी की मदद से सरकार नहीं बनाएंगी.
मायावती ने कानपुर की रैली में कहा, "हम विपक्ष में बैठने को तैयार हैं, लेकिन बीजेपी की मदद से सरकार नहीं बनाएंगे. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ जाने का कोई सवाल नहीं है."
इसके साथ ही मायावती ने बीजेपी पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर बीजेपी अफवाह फैला रही है कि बीजेपी और बीएसपी मिलकर सरकार बनाने जा रही है.
मुसलमानों को अपने पाले में करने के लिए मायावती ने इस बार दिल खोलकर टिकट बांटें हैं और कुल 403 सीटों में से 99 टिकट मुसलमान कैंडिडेट को को दिए हैं, लेकिन ऐसी बीतें कही जाती हैं कि मुस्लिम समाज में मायावती को लेकर थोड़ी झिझक है और इसकी वजह ये कि चुनाव बाद कहीं मायावती बीजेपी का दामन नहीं थाम लें.
मुमकिन है कि मुसलमानों की इसी झिझक को तोड़ने के लिए मायावती ने ये ऐलान कर दिया है कि चुनाव नतीजों के बाद किसी भी परिस्थिति में उन्हें विपक्ष में बैठना मंजूर होगा, लेकिन वो बीजेपी से मिलकर सरकार नहीं बनाएगीं.
खास बात ये है कि यूपी में दूसरे चरण के लिए कल जहां-जहां पोलिंग होनी है उनमें मुसलमानों की संख्या 35 फीसदी से ज्यादा है. कुछ सीटों पर तो मुसलमानों की संख्या 50 फीसदी से भी ज्यादा है. आपको बता दें कि अतीत में मायावती सरकार बनाने के लिए बीजेपी से हाथ मिला चुकी हैं.