बरेली: हलाला, बहुविवाह और 3 तलाक जैसी कुप्रथाओं से पीड़ित महिलाओं ने अब सरकार से मांग की है की ऐसी कुरीतियों के खिलाफ सख्त कानून बने. इन कुरीतियों की शिकार करीब 35 महिलाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इंसाफ की गुहार लगाई है.


बरेली: ज़िन्दगी की जंग हार गई 3 तलाक़ पीड़िता, पति ने एक महीने तक घर में कैद करके भूखा प्यासा रखा था


मीडिया में मामला आने के बाद ससुर दे रहा है बहु को धमकी


बरेली के दरगाह आला हजरत खानदान की तलाक़ पीड़ित बहु निदा खान के घर पहुंची सबीना का कहना है कि शरीयत कानून के नाम पर महिलाओं का जमकर शोषण होता है. उसका कहना है ये कैसी शरीयत जिसके साथ शादी की वही पति उसका तलाक़ के बाद बेटा बन गया और उसका ससुर उसका पति बन गया. दरअसल सबीना की शादी 2009 में बानखाना के वसीम हुसैन के साथ हुई थी. सबीना के शादी के 2 साल बाद भी कोई बच्चा नहीं हुआ तो उसके पति ने उसे तलाक़ दे दिया. फिर तलाक़ के दो साल बाद रेलवे में नौकरी कर रहे उसके ससुर जमील हुसैन ने उसके साथ हलाला किया जिसके बाद पति ने फिर से उससे निकाह कर लिया और फिर 2017 में तलाक़ दे दिया. अब उसका पति फिर से देवर से हलाला का दबाब बना रहा है. सबीना ने शरीयत के नाम पर हुई उसके साथ दरिंदगी को लेकर किला थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है जिसका कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. वहीं ससुर अब पीड़िता को धमकी दे रहा है.


यूपी के युवाओं के लिए खुशखबरी, लेखपाल के पद पर होगी बंपर भर्ती


पति ने निकाह के बाद दिया तलाक़, तलाक़ के बाद दोस्त से करवाया हलाला
सबीना की तरह निशा की कहानी भी है निशा के पति ने शादी के बाद से उसका उत्पीड़न शुरू कर दिया. निशा का पति उसे सिगरेट से दागता था. मारता पिटता था निशा सबकुछ सहकर भी चुप थी उसे परिवार की इज़्ज़त प्यारी थी. निशा की शादी 1999 में अनवर से हुई थी 2010 में अनवर ने तलाक़ देकर उसे घर से निकाल दिया और फिर 2011 में अपने दोस्त से उसका हलाला करवाने के बाद उसे दोबारा नही अपनाया. निशा के 4 बेटे हैं. निशा सिलाई करके अपना और अपने बच्चों का पेट पालती है.


3 तलाक़ पीड़िता निदा खान ने रखी महिला काजी की मांग


सबीना, निशा की तरह ही निदा खान की भी कहानी है. निदा एक ऐसे खानदान की बहू रही है जिसको मानने वाले पूरी दुनिया में है. निदा की शादी आला हजरत खानदान में हुई थी. लेकिन दहेज की खातिर उसका उत्पीड़न होता रहा और फिर उसे भी 3 तलाक़ दे दिया गया. निदा पर भी हलाला का दबाब बनाया गया लेकिन निदा ने हलाला करवाने से इंकार कर दिया. निदा अब एनजीओ चलाती है जिसमे वो बहू विवाह, हलाला और 3 तलाक़ पीड़ित महिलाओं की मदद करती है. निदा का कहना है कि महिलाओं की समस्या को सही से समझने के लिए महिला काजी होना चाहिए. निदा का कहना है कि जब दुनिया भर के तमाम देशों में इन कुप्रथाओं पर पाबंदी है तो हिंदुस्तान में क्यों नहीं.


यूपी : मुन्ना बजरंगी की 18 गोलियां खाकर भी जिंदा हैं राजेंद्र, एक महीने तक चला था इलाज


सरकार बनाये सख्त कानून


बरेली में हलाला के मामले लगातार सामने आ रहे हैं ऐसे में इन कुप्रथाओं की शिकार महिलाओं की सरकार से मांग है कि सख्त कानून बनाकर महिलाओं को बचाया जाए.