नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े राज्य यूपी की चार बार सीएम रह चुकी मायावती की पार्टी बसपा को विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार का सामना कर पड़ा. ऐसे में अब यह सवाल उठने लगे हैं कि एक राजनेता के रूप में मायावती का भविष्य क्या होगा? बीएसपी की बड़ी हार के साथ ही अब मायावती की सियासत किस करवट बैठेगी? मायावती के लिए ये हार कितनी बड़ी होगी? इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़िया ने अपनी बात रखी है.


जानें क्या होगा मायावती का भविष्य


मायावती के लिए मुश्किल हो सकता है राज्यसभा का रास्ता!


वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़िया ने कहा कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में शून्य और 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में मायावती को बहुत ही कम सीटें मिली. ऐसे में लोकसभा से बाहर हो चुकी पार्टी के लिए राज्यसभा में प्रतिनिधत्व न के बराबर रह जाएगी. यानि आने वाले वक्त में मायावती को संकट का सामना कर पड़ सकता है.


भविष्य में बसपा को कायम करने होंगे रिश्ते!


अनिल चमड़िया ने बातचीत में एक खास बात की तरफ इशारा किया. उन्होंने कहा कि भविष्य में बसपा अगर अन्य राजनीतिक पार्टियों के साथ संबंध स्थापित नहीं करती है तो पार्टी को मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है और साथ ही मायावती के लिए आगे का सफर मुश्किल हो सकता है. लेकिन इसके साथ ही पत्रकार ने यह भी कहा कि फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है.


नतीजें चाहे कुछ भी हों, राजनीति में एक फैक्टर बनी रहेगी बसपा


वरिष्ट पत्रकार अनिल चमड़िया ने कहा कि चाहे लोकसभा और राज्यसभा में सीटें कम हो, लेकिन राजनीति में बसपा एक फैक्टर के रूप में हमेशा बनी रहेगी. इसेक साथ ही अनिल ने कहा कि इस बार के चुनाव में बीएसपी के वोट यानि अनूसुचित जातियों में से कुछ वोट बीजेपी की तरफ शिफ्ट होने की संभावना है और ऐसा होते भी दिख रहा है. लेकिन इसके बावजूद यूपी में दलित विमर्श के मुद्दे लगातार बने हुए हैं.