अयोध्या: अयोध्या में रामलला की पूजा बच्चों की तरह की जाती है. अयोध्या के लोग उन्हें बच्चों की तरह प्यार और दुलार करते हैं. उनके कपड़ों से लेकर खाने तक का खास ख्याल रखा जाता है. दिन में पांच बार आरती की जाती है. उनका खाना बनाने से लेकर कपड़े बनाने तक के लिए खास लोग नियुक्त किए गए हैं.


बच्चों की तरह भगवान राम कपड़ों के भी बड़े शौक़ीन हैं. चटक रंग उन्हें अधिक पसंद हैं. हर दिन वे अलग रंग के ड्रेस पहनते हैं. सोमवार को सफ़ेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरूवार को पीला और शुक्रवार को हल्का बादामी रंग का कपड़ा पहनाया जाता है.


रामलला शनिवार को नीले और रविवार को गुलाबी रंग के ड्रेस पहनते हैं. कपड़ों को बनाने का काम सालों से एक ही परिवार करता रहा है. जाड़े में मख़मल के कपड़ों से भगवान के ड्रेस तैयार किए जाते हैं. शंकर लाल और उनके भाई भगवत दास के पास अब कपड़ों के सिलाई की ज़िम्मेदारी है.


शंकरलाल बताते हैं कि प्रभु की सेवा का सौभाग्य उन्हें मिला है. जाड़े के मौसम में ठंड से बचाने के लिए रामलला को रज़ाई ओढ़ाई जाती है. शंकरलाल का परिवार चार पीढ़ियों से रामलला के कपड़ों की सिलाई का काम कर रहा है.


भगवान राम को मीठा बहुत पसंद है. बिना खीर के उनका एक भी दिन नहीं गुज़रता है. नाश्ते में वे पेड़ा और पंचमेवा खाते हैं. दिन भर में भगवान को चार बार खाना दिया जाता है. दोपहर के खाने में उन्हें दाल, रोटी, चावल और सब्ज़ी दी जाती है.


शाम के भोग में रामलला को खीर और पूरी का भोग चढ़ता है. रामलला का खाना बनाने का काम भंडारी करते हैं. उनकी सहायता करने के लिए एक कोठारी भी होता है. कोठारी का काम करने वाले गिरीश मणि त्रिपाठी बताते हैं कि रामलला को सबसे अधिक खीर पसंद है. मीठा जो भी हो उन्हें अच्छा लगता है. भोग में साग भी ख़ूब चढ़ता है.


इस खबर की पहली कड़ी पढ़ें- जानिए कैसे होती है रामलला की पूजा? बच्चे की तरह प्यार-दुलार करते हैं अयोध्या वासी


अगली कड़ी में आपको बताया जाएगा कि रामलला को प्रसाद में क्या चढ़ाया जाता है और कौन से फूल चढ़ाए जाते हैं.