यूपी में कौन बनेगा अगला चीफ सेक्रेटरी? फैसला दिल्ली से होगा या फिर लखनऊ में
योगी आदित्यनाथ के दिल्ली से लौटते ही यूपी के अगले मुख्य सचिव को लेकर चर्चा तेज हो गयी है. राज्य की अफसरशाही के नए बॉस की कुर्सी किसे मिलगी. सत्ता के गलियारों में सब इसी सवाल का जवाब तलाश रहे हैं.
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ के दिल्ली से लौटते ही यूपी के अगले मुख्य सचिव को लेकर चर्चा तेज हो गयी है. राज्य की अफसरशाही के नए बॉस की कुर्सी किसे मिलगी. सत्ता के गलियारों में सब इसी सवाल का जवाब तलाश रहे हैं. दिल्ली से लेकर लखनऊ तक कई सीनियर आईएएस अफसर अपनी गोटी सेट करने में लगे हैं. अगले लोकसभा चुनाव से पहले चीफ सेक्रेटरी किसे बनाया जाए? इसके अलग-अलग दावे हैं और समीकरण भी. क्या दिल्ली से किसी अधिकारी को बुलाया जाएग? या फिर लखनऊ वाले का नंबर आएगा.
यूपी के मुख्य सचिव राजीव कुमार 30 जून को रिटायर कर रहे हैं. वैसे तो प्रवीर कुमार राज्य के सबसे सीनियर आईएएस अफसर हैं. वे 1982 बैच के हैं. अभी वे राजस्व परिषद् के अध्यक्ष हैं. सबसे सीनियर अफसर होने के लिहाज से तो प्रवीर कुमार को मुख्य सचिव होना चाहिए लेकिन उनके दामाद के कारण उन्हें ये कुर्सी मिलने की गुंजाईश न के बराबर है. प्रवीर कुमार के दामाद कौशल विद्यार्थी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सचिव हैं.
1983 बैच के अधिकतर आईएएस अफसर रिटायर कर चुके हैं. हरिराज किशोर का निधन पिछले ही हफ्ते हो गया. चंचल कुमार तिवारी और संजीव शरण जैसे अधिकारी पहले ही रेस से बाहर हो चुके हैं. अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह भी इसी महीने के आखिर में रिटायर हो रहे हैं.
1984 बैच के किसी सीनियर आईएएस अधिकारी को चीफ सेक्रेटरी बनाया जा सकता है. दिल्ली में डेपुटेशन पर तैनात अनंत सिंह को राजनाथ सिंह का करीबी माना जाता है. राजनाथ जब यूपी के सीएम थे, तो वे उनके सेक्रेटरी हुआ करते थे.
मामला अब अनूप चंद्र पांडे, दुर्गा शंकर मिश्रा और संजय अग्रवाल के बीच फंस गया है. इनमें से किसी को भी यूपी की अफसरशाही का बॉस बनाया जा सकता है. अवस्थापना और औद्योगिक विकास आयुक्त पांडे अगले साल फरवरी महीने में रिटायर हो रहे हैं.
लखनऊ में इन्वेस्टर मीट की कामयाबी पर सीएम योगी आदित्यनाथ से उन्हें वाहवाही मिल चुकी है. अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल मार्च 2022 में रिटायर होंगे. सरकार मायावती की हो या अखिलेश की या फिर योगी की. हर राज में अग्रवाल फिट हो जाते हैं.
अभी वे दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्या और दिनेश शर्मा के साथ काम कर रहे हैं जबकि दोनों नेताओं में बनती नहीं है. वे जानते हैं काम कैसे और किस से कराना है. वे अभी माध्यमिक शिक्षा और पीडब्लूडी अपर मुख्य सचिव हैं.
दुर्गा शंकर मिश्रा अभी केंद्र में शहरी विकास मंत्रालय में सचिव हैं. वे मायावती की सरकार में उनके सचिव भी रह चुके हैं. दिसंबर 2021 में रिटायर होने वाले हैं.
अब सवाल ये है कि चीफ सेक्रेटरी का नाम कहाँ से तय होता है? दिल्ली से या फिर लखनऊ से ? वर्तमान मुख्य सचिव राजीव कुमार को भी केंद्र से ही भेजा गया था. बड़े पदों पर अफसरों की तैनाती में अब तक योगी मौन ही रहे हैं. सीएम के प्रमुख सचिव एसपी गोयल भी उनकी नहीं बल्कि दिल्ली की पसंद माने जाते हैं.