अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर बनाने और पीएम को बुलाने की मांग को लेकर संत परमहंस अनशन पर बैठे थे. रविवार आधी रात उन्हें पुलिस ने जबरन अनशन स्थल से उठा लिया और लखनऊ के PGI अस्पताल में भर्ती करा दिया. माना जा रहा है कि प्रवीण तोगड़िया उनसे मिलने वाले थे, इस मुलाकात को रोकने के लिए पुलिस ने ये कार्रवाई की.


इससे पहले बीजेपी नेता सतीश महाना ने परमहंस से मुलाकात की थी और दोनों के बीच अनशन खत्म करने की सहमति भी बन गई थी. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलाने का आश्वासन भी दिया गया था. दूसरी ओर प्रवीण तोगड़िया अयोध्या आकर परमहंस से मिलने का कार्यक्रम बना चुके थे.

इस बीच एक खुफिया रिपोर्ट भी प्रशासन के पास पहुंची थी. दरअसल लगातार अयोध्या में लोग पहुंच रहे थे, होटलों में आवाजाही बढ़ गई थी और खुफिया विभाग को कई तरह के इनपुट मिल रहे थे. ऐसे में प्रशासन ने परमहंस को अनशन स्थल से उठाना ही ठीक समझा.

अयोध्या में राम मंदिर बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हुए पिछले आठ दिनों से आमरण अनशन पर बैठे छावनी मंदिर के मुख्य पुजारी परमहंस दास को धरना स्थल से जबरन उठा लिया गया. परमहंस 1 अक्टूबर से अन्न जल त्याग कर धरने पर बैठे थे.



इसके बाद अयोध्या भर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. छावनी मंदिर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है साथ ही पुलिस ने ट्रांसजेंडर नेता गुलशद बिंदू और उनके समर्थकों को नजरबंद कर दिया. दरअसल, बिंदू और ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों ने दास का समर्थन किया था.

कई बार प्रशासन की तरफ से तपस्वी परम हंस को मनाने की कोशिश की गई थी लेकिन बात नहीं बनी थी. एक अधिकारी ने बताया कि फैजाबाद पुलिस ने अयोध्या के तपस्वी छावनी मंदिर के मुख्य पुजारी परमहंस दास को रविवार देर रात एक बजे गिरफ्तार किया गया. इसके कुछ ही घंटे बाद विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया उनसे मिलने वाले थे.

उन्होंने कहा कि पुलिस ने दास को गिरफ्तार करने के बाद उन चार और संतों को हिरासत में ले लिया, जिन्होंने दास की जगह अनशन पर बैठने की कोशिश की थी.

इसके बाद धरना स्थल पर पहुंचे अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रवीण तोगड़िया ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि हो सके तो मुझे भी गिरफ्तार करें क्योंकि अब मैं देशव्यापी आंदोलन करने की तैयारी करूंगा.