रांचीः झारखंड में नई सरकार का शपथ ग्रहण 23 दिसंबर को हुआ, नई सरकार का गठन हुए 23 दिन का समय बीत चुका है लेकिन अभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है. नई सरकार में मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 12 मंत्री होंगे जिनमे से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा कांग्रेस के 2 और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के 1 विधायक ने मंत्रिपद की शपथ ली है. अभी भी 12 सीटों के मंत्रिमंडल में 8 सीटें खाली हैं जिसको लेकर BJP नई सरकार को कांग्रेस की कठपुतली बनने का आरोप लगा रही है.


BJP प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का आरोप है कि गठबंधन की सरकार चुनाव से पहले झारखंड की जनता की सरकार होने का दावा करती थी लेकिन असल में ये कांग्रेस की कठपुतली है. यही कारण है कि 23 दिन के कार्यकाल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 5 बार दिल्ली जाकर 10 दिन दिल्ली में बिता चुके हैं.


बीजेपी का आरोप


उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस महत्वपूर्ण विभाग जैसे कार्मिक और अन्य की मांग कर रही है जिसपर सहमति नहीं बन पा रही है. वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे के मुताबिक ये विभागों की लड़ाई नहीं बल्कि खरमास की वजह से शुभ काम नहीं कर रहे हैं, जल्दी ही विभाग बांट जाएगा और हमारे कुल 5 विधायक मंत्री बनेंगे.


एक ओर BJP कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि कांग्रेस की वजह से विभागों के बंटवारे में देरी हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शुभ काम के लिए समय की बात कर रही है लेकिन वहीं अगर JMM के विधायकों मथुरा महतो, नलिन सोरेन, हाजी हुसैन अंसारी की माने तो इनके मुताबिक- हमारे और कांग्रेस के बीच कोई खींचतान नहीं है.


जेएमएम का पटलवार


विधायकों का कहना है कि BJP के पास कोई काम नहीं है इसलिए वो इस तरह की बातें कर रहे हैं. हमारे मुख्यमंत्री अलग-अलग लोगों से मिलने के लिए दिल्ली जा रहे हैं न कि विभागों को लेकर चर्चा करने. BJP वाले बताएं कि प्रधानमंत्री कितनी बार कितने देश जाते हैं. हमारे यहां 26 जनवरी के बाद विभागों का बंटवारा हो जाएगा.


BJP चाहे जो आरोप लगाए या JMM, कांग्रेस चाहे जितनी भी सफाई दें लेकिन एक बात तो तय है कि 81 में से 16 सीटों के साथ कांग्रेस बार्गेन करने की ताकत जरूर रखती है, बात अब चाहे विभागों के बंटवारे को लेकर रुक रही हो या फिर मंत्रिमंडल में सीटों की भागीदारी पर लेकिन बात कहीं न कहीं बनती नहीं दिख रही है, आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल के विस्तार से राज्य में आगे की राजनीति की दशा और दिशा तय होगी.


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