बरेली: बरेली पहुंची राज्य अल्पसंख्यक आयोग की दो सदस्यीय टीम को निदा के घर जाकर उसके बयान दर्ज करने थे लेकिन टीम ने ऐसा नहीं किया, बल्कि निदा को ही सर्किट हाउस बुला लिया, जबकि जिन लोगों ने फतवा जारी किया आयोग की टीम उनके पास खुद चलकर गई. जिससे साफ़ होता है की अल्पसंख्यक आयोग की टीम को फतवा जारी करने वालो प्रति सहानुभूति है. आला हजरत के दारुल इफ्ता से निदा खान के खिलाफ फतवा जारी हुआ था.
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अल्पसंख्यक आयोग की टीम पहुंची बरेली, बढ़ाई गई निदा खान की सुरक्षा
आला हजरत खानदान की बहू निदा खान को इस्लाम से ख़ारिज हुए आज 4 दिन हो गए हैं. चार दिन बाद आज निदा खान अपने घर से बाहर निकली है. निदा आज राज्य अल्पसंख्यक आयोग की दो सदस्यीय टीम को अपने बयान दर्ज करवाने सर्किट हाउस पहुंची. सर्किट हाउस में आयोग की सदस्य रूमाना सिद्धकी और सैय्यद इकबाल ने निदा खान के एक बंद कमरे में बयान लिए. करीब दो घंटे तक निदा और आयोग के सदस्यों के बीच लम्बी बातचीत हुई जिसके बाद निदा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा. वहीं निदा खान की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. उनकी सुरक्षा के लिए दो सिपाहीओं को लगाया गया है, जो चौबीसो घंटे उनके साथ रहेंगे.
निदा खान ने कहा- बरेली पुलिस पर नहीं भरोसा
निदा ने बताया की अल्पसंख्यक आयोग ने उनके बया दर्ज किए हैं. उन्होंने बताया की उनके खिलाफ जो फतवा जारी हुआ है उसके बारे में उन्होंने पूछताछ की. जब उनसे पुछा गया की क्या आपको लगता है की आयोग की तरफ से आपको इंसाफ मिलेगा तो उन्होंने बताया की ये बताना मेरे लिए मुश्किल होगा की आयोग कार्यवाही करेगा या नहीं. निदा ने डर जताया है की कल जुम्मे की नवाज है और कल उनके परिवार पर किसी तरह की परेशानी न हो. निदा ने कहा की पुलिस उनका साथ नहीं दे रही है. बरेली पुलिस का पहले से रिकॉर्ड देखते आ रहे है की वो कितना हमारे साथ है, पुलिस पावरफुल फैमिली के साथ रही है. पुलिस को आला हजरत खानदान के लोगों पर कार्यवाही करने से साम्प्रदायिक दंगे का डर सताता रहता है.
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निदा कराएंगी फतवा जारी करने वालों के खिलाफ मुकदमा
निदा का कहना है की वो दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता से फतवा जारी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएगी. निदा पहले ही कह चुकी हैं की इस्लाम किसी का परेडमार्क या कॉपीराइट नहीं है. निदा का कहना है की ये लोकतान्त्रिक देश है यहां पर दो कानून नहीं बल्कि जो देश का कानून है सविधान है वो उसी को मानती हैं.
फतवों से देश नहीं चलता, फतवा देना गलत
अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य रूमाना सिद्धकी ने निदा खान के बयान लिए और उसके बाद आयोग की दो सदस्यीय टीम दरगाह आला हजरत पर भी फतवा जारी करने वालो के बयान लेने गई. रूमाना सिद्द्की ने बताया की दोनों जगहों से बयान दर्ज करने और सभी जरूरी दस्तवेज लेकर कमीशन जाएंगे और वहां पर बैठने के बाद आगे फैसला करेंगे. उन्होंने कहा की निदा को इंसाफ जरूर मिलगा और हम इसी लिए यहां आएंगे. उन्होंने कहा की फतवा देना गलत है हम फतवों को नहीं मानते, फतवों के हिसाब से हिंदुस्तान नहीं चलता.
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आयोग की सदस्य रूमाना सिद्धकी का बेतुका बयान, मीडिया वालों से कहा- कलमा पढ़ो बन जाओ मुसलमान
रूमाना सिद्धकी मीडिया के सवालो से बौखला गई और उन्होंने कहा की आप लोग भी सच्चे दिल से कलमा पढ़ कर इस्लाम में शामिल हो जाएं . दरअसल उनसे ये पूछा गया की आप निदा के घर क्यों नहीं गई आपने जब निदा को सर्किट हाउस बुला लिया तो फतवा जारी करने वालो से सहानुभूति क्यों ? आपने निदा को बुलाया तो फतवा जारी करने वालों को भी बुला सकती थी लेकिन आपने ऐसा क्यों नहीं किया क्या आपको भी डर है की आप कहिं निदा के घर गई तो आप इस्लाम से ख़ारिज न हो जाएं.