लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि पूरा राज्य अराजकता की गिरफ्त में है, इस पर भी राजभवन का मौन धारण आश्चर्यजनक है. कासगंज और बनारस के सिंधिया घाट की घटना ध्वस्त कानून व्यवस्था का एक उदाहरण है.

अखिलेश ने कहा कि अपराधियों के बढ़े-हौसलों के आगे शासन-प्रशासन लाचार नजर आ रहा है. बावजूद इसके सरकार द्वारा इन घटनाओं के लिए किसी की जवाबदेही तय नहीं की जा रही है.

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अखिलेश ने अपने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री को सीतापुर जाने की फुरसत तब मिली, जब उन्होंने कुत्तों से दर्जनों बच्चों की जान बचाने में विफल सरकार पर सवाल खड़ा किया. मृत बच्चे के परिवारीजनों को मदद पर भी सरकार का रवैया संवेदनहीन ही है.

सपा प्रमुख ने कहा कि राज्य में दहशत का माहौल है. दिनदहाड़े सरेराह साथी की हत्या से आक्रोशित अधिवक्ता इलाहाबाद सहित पूरे राज्य में हड़ताल पर हैं. भाजपा सरकार बताए कि कानून का शासन कहां है?

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उन्होंने कहा, "कोई पहर नहीं बचता, जब किसी न किसी दुर्घटना से राज्य के नागरिकों को दो-चार न होना पड़ता हो. बागपत में दो बहनों ने तो स्कूल जाना ही छोड़ दिया. अब वे घर से बाहर भी नहीं निकल पा रही हैं."

अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री का दावा है कि मुठभेड़ (एनकाउंटर) से रामराज स्थापित होता है, जबकि अपराधी खुलेआम गंभीर से गंभीर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं.