नई दिल्ली/लखनऊ: आज यूपी में दूसरे दौर का चुनाव है. दूसरे चरण में पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 67 सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई है. सुबह सात बजे से वोट पड़ने शुरू हो गए हैं. दूसरे चरण में भी मुस्लिम फैक्टर अहम है क्योंकि यहां करीब 36 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं. जो उम्मीदवारों की किस्मत तय करने में अहम भुमिका निभा सकते हैं. दूसरे चरण में कुल 720 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा 22 उम्मीदवार बिजनौर की बरहापुर और सबसे कम चार उम्मीदवार अमरोहा की धनौरा सीट पर किस्मत आजमा रहे हैं.


लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश का चुनाव बड़े-बड़े दिग्गज़ों की साख भी सवाल है. आइये एक नज़र डालें पीएम से लेकर युवा मुख्यमंत्री तक क्यों अहम है ये चुनाव:

सबसे पहले आपको दिखाते हैं कि पीएम मोदी के लिए यूपी का ये चुनाव अहम क्यों है?
यूपी के इस चुनाव में जीत पीएम मोदी के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि इस चुनाव के नतीजे मोदी के लिए बेहद अहम होंगे. इस चुनाव में मोदी के सामने यूपी में लोकसभा चुनाव वाली बड़ी जीत दोहराने की चुनौती है.


2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी को 80 में से 71 सीटें मिली थी. ये चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि नोटबंदी के बाद ये पहला बड़ा चुनाव है. अगर यूपी में बीजेपी को सत्ता मिली तो राज्यसभा में भी सीटों का संकट कम हो जाएगा. बीजेपी जीती तो पीएम मोदी का कद और बढ़ेगा. साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव की राह आसान होगी, लेकिन अगर हारे तो फिर सवाल उठने शुरू हो जाएंगे.


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चुनाव के नतीजे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए क्यों है साख का सवाल?
यूपी के चुनाव में अगर सबसे बड़ी परीक्षा किसी की हो रही है तो वो हैं यूपी के सीएम अखिलेश यादव की. अखिलेश पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में हैं क्योंकि इस बार के चुनाव में उनकी साख का सवाल है.


साख का सवाल इसलिए क्योंकि पिछले दिनों घर के अंदर जो घमासान मचा उसके बाद अखिलेश को अपने दम पर सत्ता में वापसी करनी है. इसलिए हम कह रहे हैं कि इस बार का चुनाव अखिलेश के लिए सबसे बड़ी परीक्षा है क्योंकि अगर अखिलेश जीते तो पार्टी पर पूरी तरह से उनका एकछत्र राज होगा. लेकिन अगर हारे तो पार्टी और परिवार में चल रहा विवाद और बढ़ेगा. यही नहीं इस चुनाव में अखिलेश के बड़े राजनीतिक फैसले का भी टेस्ट हो रहा है. चुनाव के नतीजे बताएंगे कि राहुल गांधी से दोस्ती का फैसला सही था या गलत.


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राहुल गांधी का भविष्य तय करने के लिए अहम है ये चुनाव?
यूपी को ये साथ पसंद है के नारे के साथ राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस चुनाव के मैदान में है, सवाल ये भी है कि क्या वोटरों को राहुल गांधी पसंद हैं या नहीं क्योंकि यूपी के इस चुनाव के नतीजे बताएंगे कि कांग्रेस और राहुल गांधी के अच्छे दिन आएंगे या नहीं. ये चुनाव इसलिए अहम है क्योंकि इस चुनाव में एक बार फिर राहुल गांधी के नेतृत्व की बड़ी परीक्षा हो रही है. अगर कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिलीं तो राहुल गांधी का कद बढ़ेगा लेकिन अगर हार हुई तो पार्टी अध्यक्ष बनने की राह मुश्किल हो जाएगी. इस चुनाव में पार्टी के लिए जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि कई राज्यों के चुनावों में हारी कांग्रेस को अगर जीत मिली तो पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा. यही नहीं जीत 2019 के चुनाव के लिए उम्मीद जगेगी.

मायावती दिशा और दशा तय करने के लिए अहम है चुनाव?


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यूपी का ये चुनाव मायावती और उनकी पार्टी का भविष्य तय करने वाला है. मायावती के लिए ये चुनाव इसलिए अहम है क्योंकि उनके लिए दोबारा यूपी की सत्ता हासिल करने का मौका है लेकिन चुनौती बड़ी है. इस चुनाव में मायावती के दलित-मुस्लिम फॉर्मूले की परीक्षा हो रही है. नजर इस बात पर भी रहेगी कि जो वोटर मायावती से दूर हो चुके हैं क्या वो उन्हें वापस ला पाएंगी. अगर मायावती की पार्टी जीतती हैं तो जाहिर है कि उनका कद बढ़ेगा लेकिन अगर हार जाती है तो पार्टी के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगेंगे.