लखनऊ: जिस राज्य में कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी है वहां के मुख्यमंत्री हर मंच से उसी पर हमला करें तो सवाल उठने लगते हैं कि कहीं ये सोची समझी रणनीति तो नहीं है? योगी आदित्यनाथ के भाषणों से तो कम से कम ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं. हाल के दिनों में वे जहां भी गए, सिर्फ कांग्रेस ही उन्हें याद आई. आरएसएस, बीजेपी से लेकर सरकारी कार्यक्रमों में, यूपी के मुख्यमंत्री को जब भी मंच मिला उन्होंने कांग्रेस को जम कर कोसा. मायावती या उनकी पार्टी बीएसपी को वे भूल जाया करते हैं. कभी कभार योगी अखिलेश यादव पर सीधे हमला बोलते हैं लेकिन इशारों ही इशारों में वे समाजवादी पार्टी और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जरूर बरसते हैं.
अयोध्या जाने से पहले योगी आदित्यनाथ लखनऊ में संस्कार भारती के एक कार्यक्रम में पहुंचे. संस्कार भारती आरएसएस की एक सहयोगी संस्था है. माईक सभालते ही योगी कांग्रेस पर बरस पड़े. यूपी के सीएम ने कहा,"जिन लोगों ने आपातकाल लगाया था, वही अब लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं. भ्रष्टाचारी खुद को सदाचारी बता रहे हैं. हम अगर तमाशबीन बने रहे तो हमें ही भुगतना होगा."
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पूरे कायक्रम के दौरान उन्होंने एक भी शब्द बीएसपी या समाजवादी पार्टी के लिए नहीं कहा. रविवार को योगी आदित्यनाथ कन्नौज के दौरे पर थे. ये इलाका समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है. अखिलेश यादव ने अगला लोकसभा चुनाव यहीं से लड़ने का फैसला कर चुके हैं. उनकी पत्नी डिम्पल यादव अभी यहां की एमपी हैं. कन्नौज के मंच से भी योगी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर ही हमला किया.
उन्होंने कांग्रेस पर लश्कर और आतंकवादियों की बोली बोलने का आरोप लगाया. बीजेपी कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि उनके मुख्यमंत्री के निशाने पर अखिलेश यादव रहेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसीलिए तरह तरह के सवाल उठने लगे हैं. योगी आदित्यनाथ ऐसा जानबूझ कर तो नहीं कर रहे हैं? कहीं ये दिल्ली में तय हुई रणनीति का असर तो नहीं है? पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बाद योगी आदित्यनाथ पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक बन गए हैं. गुजरात, कर्नाटक से लेकर त्रिपुरा के चुनावों में उन्होंने धुआंधार प्रचार किया.
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यूपी में बीजेपी के प्रवक्ता डॉक्टर चंद्रमोहन कहते हैं," बीएसपी और समाजवादी पार्टी तो कांग्रेस की बी टीम हैं. यूपीए की सरकार को दोनों ही पार्टियां लगातार समर्थन करती रहीं. इसीलिए योगी जी इन पार्टियों के कैप्टन कांग्रेस पर हमले करते हैं.
कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा,"बीजेपी को मोदी के विकल्प सिर्फ राहुल गांधी हैं. इसीलिए वो घबरा कर लगातार उन पर अनर्गल आरोप लगाते रहते हैं." यूपी के हुए बदले हुए राजनैतिक हालात में मायावती पर सीधा हमले करने से योगी बचते रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगला खाली करने के मामले में भी यूपी सरकार का यही रवैया रहा.
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मायावती जिस घर में रहती थीं, उसे अब कांशीराम मेमोरियल गेस्ट हाऊस बनाने की तैयारी है जबकि अखिलेश यादव पर बीजेपी नेताओं ने घर के टोंटी तक उखाड़ लेने के आरोप लगाए. कहीं ऐसा मायावती और अखिलेश के बीच दूरियां बढ़ाने के लिए तो नहीं किया जा रहा है?
उत्तर प्रदेश में लोक सभा की 80 सीटें हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी को 71 और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल को 2 सीटें मिली थीं. बीएसपी अपना खाता तक नहीं खोल पाई. कांग्रेस से राहुल गांधी और सोनिया गांधी ही चुनाव जीतने में कामयाब रहे. समाजवादी पार्टी को 5 सीटें मिली थीं.