लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना पर शुक्रवार को उस समय संदेह के बादल मंडराने लगे जब प्रदेश के सत्तारूढ़ दल ने 210 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची घोषित कर दी. इस लिस्ट में नौ ऐसी सीटें हैं जिन पर वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं. कांग्रेस ने एपी के इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
एपी के उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य प्रभारी गुलाम नबी ने शुक्रवार को ये संकेत दिये कि चुनाव पूर्व गठबंधन की अब संभावना क्षीण है.
एपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नन्दा ने लखनऊ संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य मकसद आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराना है. इसके लिये कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश की गयी लेकिन उसकी तरफ से अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर बीजेपी को परास्त होते देखना चाहती है तो उसे एपी के फार्मूले को मानना होगा. इस फार्मूले के तहत साल 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जिन सीटों पर पहले या दूसरे नम्बर पर रही थी, और वे सीटें जिन पर एपी तीसरे, चौथे या पांचवें नम्बर पर रही थी, वे कांग्रेस को दे दी जाएंगी.
नन्दा ने कहा कि इस हिसाब से कांग्रेस को 54 सीटें ही मिलनी चाहिये, लेकिन अगर वह गम्भीरता से बातचीत करे तो उसे 25-30 सीटें और दी जा सकती है. एपी कांग्रेस को अधिकतम 85 सीटें दे सकती है. यह पूछे जाने पर कि क्या एपी की तरफ से शुक्रवार को घोषित 191 सीटों में में कई वे सीटें हैं, जिन पर साल 2012 के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे, उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन होगा तो कांग्रेस जहां जीती है, वह सीट उसे दे दी जाएंगी. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेठी और लखनऊ छावनी सीटें एपी अपने पर ही रखेगी.
दूसरी ओर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने एपी से गठबंधन के बारे में कहा कि अभी बात बिगड़ी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन पर चर्चा चल रही है, दोनों ही पार्टी के लोग बात कर रहे हैं, जल्द ही निर्णय हो जाएगा, मेरी समझ से, अभी तक कोई अवरोध तो नहीं है. चुनाव एक लक्ष्य को लेकर लड़े जाते हैं. बाकी सीटों की संख्या का मामला तो हम देख लेंगे.’’ मालूम हो कि एपी ने शुक्रवार को घोषित सूची में गंगोह, शामली, स्वार, विलासपुर, हापुड़, स्याना, खुर्जा, मथुरा और किदवई नगर सीटों पर भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में ये सभी सीटें कांग्रेस ने जीती थीं.
नन्दा ने कहा कि पहले, दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव में कुल 208 सीटों पर चुनाव होना है और एपी ने शुक्रवार को 191 सीटों पर ही अपने प्रत्याशी घोषित किये हैं. इस तरह कांग्रेस के लिये 17 सीटें छोड़ी गयी हैं.
मालूम हो कि नन्दा ने कल कहा था कि एपी करीब 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे में माना जा रहा था कि वह कांग्रेस के लिये 100 या 103 सीटें छोड़ सकती है. इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को भी शामिल करने की बात थी, मगर बाद में एपी ने यह इरादा छोड़ दिया था.
इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस के साथ एपी का गठबंधन मुश्किल हो गया है, नन्दा ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी. एपी अब भी कांग्रेस से तालमेल करना चाहती है, लेकिन अपनी शर्तों पर. चुनाव बिल्कुल नजदीक है, ऐसे में एपी और इंतजार नहीं कर सकती. उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होने पर एपी अमेठी और लखनऊ छावनी सीटें अपने पास ही रखेगी. उसके एवज में वह अपनी एक-एक जीती हुई सीट दे देगी.
नन्दा ने बताया कि एपी अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आगामी सोमवार को पार्टी का चुनाव घोषणापत्र जारी करेंगे और फिर बुधवार से वह अपना प्रचार शुरू करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा चुनाव अखिलेश की अगुवाई और नेतृत्व में लड़ा जाएगा. पार्टी ‘नेताजी का नाम और अखिलेश जी का काम’ के नारे पर चुनाव लड़ेगी.
इसके पूर्व, एपी ने विधानसभा चुनाव के शुरआती तीन चरणों के लिये 191 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिये. इनमें शिवपाल सिंह यादव को इटावा की जसवन्तनगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि एपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी राज्यसभा सदस्य बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा का बाराबंकी रामनगर सीट से टिकट काट दिया गया है. उनके स्थान पर अखिलेश के करीबी मंत्री अरविन्द सिंह गोप को उम्मीदवार बनाया गया है. रामपुर की स्वार सीट से वरिष्ठ मंत्री शुक्रवार कोम खां के बेटे अब्दुल्ला शुक्रवार कोम को टिकट दिया गया है.
इसके अलावा माफिया-राजनेता अतीक अहमद का भी कानपुर छावनी सीट से टिकट काटकर मोहम्मद हसन रूमी को प्रत्याशी बनाया गया है. पिछले साल 28 दिसम्बर को एपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा जारी प्रत्याशियों के सूची में बेनी के बेटे राकेश के साथ-साथ अतीक अहमद को भी शामिल किया गया था. शुक्रवार को घोषित सूची में शुक्रवार कोम खां, शाहिद मंजूर और अरविन्द सिंह गोप समेत 12 मंत्रियों को टिकट दिया गया है. घोषित प्रत्याशियों में 52 मुसलमान और 19 महिलाएं शामिल हैं.