गोंडा: यूपी के गोंडा जिले में डॉक्टरों का अमानवीय चेहरा सामने आया है जहां मनकापुर क्षेत्र की रहने वाली महिला के उचित इलाज ना मिल पाने के कारण उसे जान से हाथ धोना पड़ा. महिला बुखार से तड़पती रही लेकिन वहां पर तैनात डॉक्टर और नर्सों का दिल नहीं पसीजा. उनकी लापरवाही से महिला की जान चली गई.


जहां सरकार चिकित्सा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है उस सिस्टम में दवा ना होने के कारण महिला जान चली गई आपको बता दें कि बीते (06 अप्रैल 2018) सूबे के मंत्री स्वतंत्र प्रभार व गोंडा के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी ने जिला अस्पताल में औचक निरीक्षण किया था जिस पर खामियां मिलने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य अधीक्षक को जमकर फटकार लगाई थी.


जिला अस्पताल में इंजेक्शन नहीं होने के कारण उस महिला की मौत हो गई. परिजनों का कहना है की इनको बहुत दिनों से बहुत तेज बुखार आ रहा था और आज तो बुखार बहुत ही तेज था. जब हम नर्स से कहने गए कि मैडम उनको इंजेक्शन लगा दीजिए तो मैडम ने कहा इंजेक्शन नहीं है जाकर बाहर से ले आओ या जाकर बड़े साहब से बताओ. अब हम अकेले बाहर कैसे जाते और हमारे पास पैसा भी नहीं था अगर हमारे पास पैसा होता तो हम प्राइवेट अस्पताल में ना जाते. कोई और चारा ना होने के कारण हम बड़े साहब से मिलने गए तो वहां पुलिस वाले खड़े थे तो हम डर के वापस चले आए और इंजेक्शन ना लगने से मेरी मरीज की मौत हो गई.


वहीं जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर टी पी जायसवाल से जब इस बारे में बात की गई उनका कहना था कि मृतक के परिजन का कोई आरोप नहीं है.हां यह महिला 6 अप्रैल से भर्ती है जिसको जोर-जोर के झटके आ रहे थे हमको एक बार फोन आया था तो हमने उसकी जांच की थी.