झांसी: बुंदेलखंड इलाके के शहर झांसी से एक बेहद भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है. एक शख्स की मौत के बाद उसकी पत्नी ने उसे मुखाग्नि दी. दंपत्ति को एक बेटी है जो मुंबई में रहती है. इतनी जल्दी उसका आना नहीं हो सकता था. ऐसे में पत्नी ने ही पति की चिता को अग्नि देने का फैसला किया.


सनातन धर्म में अमूमन यह माना जाता रहा है कि पत्नियां शमशान नहीं जा सकतीं. लेकिन एक महिला ने पुराने रीति-रिवाजों को पीछे छोड़ कर अपने पति की चिता को अग्नि देने का फैसला किया. पहले तो सभी हैरान रह गए. कुछ लोगों ने मना भी किया लेकिन उसके बाद सभी ने महिला के साथ देने का फैसला किया.



रमेश चंद चौरसिया और ममता चौरसिया को बेटा नहीं था. रमेश को 7 जून को अस्थमा का अटैक आया था. उनको एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. कुछ दिन आराम मिला मगर आज तड़के उन्हें फिर अटैक आया और उनका देहांत हो गया.


चौरसिया दंपति की एक बेटी भी है, जिसकी शादी मुम्बई हुई है. ममता ने बेटी को दुखदायी खबर दी, लेकिन बेटी के आने इंतजार किये बिना ही उन्होंने अंतिम क्रिया से संबंधित सभी रस्मों की अदायगी कर दी. रोते-सुबकियां लेते हुए उन्होंने अपने पति को अंतिम विदाई दी.


शहर भर में इस बात की चर्चा है और सभी लोग ममता की हिम्मत को सलाम कर रहे हैं.