गोरखपुरः प्रेमिका से दूसरी पत्‍नी बनी युवती की शहर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर ने दो साथियों के साथ मिलकर हत्‍या कर दी थी. सर्विलांस की मदद से आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने घटना का खुलासा किया. पुलिस और एसटीएफ के लिए इस ब्‍लाइंड मर्डर केस का खुलासा करना इसलिए भी टेढ़ी खीर था, क्‍योंकि उसकी हत्‍या सात माह पहले नेपाल के पोखरा में शराब और नशीला पदार्थ खिलाकर पहाड़ से ढकेल कर की गई थी. एसटीएफ ने डॉक्टर और उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार कर गोरखपुर पुलिस के सुपुर्द कर दिया.


पुलिस लाइन्‍स सभागार में आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने घटना का खुलासा किया. उन्‍होंने बताया कि विवेचना के दौरान पता चला कि कैण्‍ट इलाके के दाऊदपुर में स्थित आर्यन अस्पताल के संचालक डॉक्टर धर्मेन्‍द्र प्रताप सिंह उर्फ डीपी सिंह ने अपने दो साथियों प्रमोद कुमार सिंह और देशदीपक निषाद के साथ मिलकर राजेश्‍वरी उर्फ राखी श्रीवास्‍तव की जून माह में नेपाल के सारंग कोट जिला कास्‍की (पोखरा) में पहाड़ से धकेलकर हत्‍या कर दी थी. उन्‍होंने बताया कि हत्‍या के पहले उसे शराब और नशीली दवाई भी खिलाई गई थी. नेपाल पुलिस ने लाश को बरामद करने के बाद उसका पोस्‍टमार्टम भी कराया था.


आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि साल 2011 के पहले बिहार के गया की रहने वाली राजेश्‍वरी श्रीवास्‍तव उर्फ राखी अपने पिता का इलाज कराने के लिए डॉक्टर डीपी सिंह के क्‍लीनिक पर गई थी. उसी दौरान डा. धर्मेन्‍द्र प्रताप सिंह उर्फ डीपी सिंह को उससे प्‍यार हो गया. डा. डीपी सिंह ने राजेश्‍वरी के साथ साल 2011 में गोंडा जिले में दूसरी शादी कर ली. राजेश्‍वरी को डॉक्टर ने शाहपुर के बिछिया में एक मकान भी रहने के लिए खरीदकर दे दिया. लेकिन, दोनों में ज्‍यादा दिन तक नहीं बनी. उसके बाद राजेश्‍वरी की डिमांड बढ़ती गई और उसने डॉक्टर डीपी सिंह के खिलाफ कैण्‍ट थाने में रेप का मामला दर्ज करा दिया. फरवरी 2018 में राजेश्‍वरी उर्फ राखी श्रीवास्‍तव ने गया बिहार के रहने वाले मनीष सिन्‍हा से शादी कर ली थी.


ब्‍लाइंड मर्डर केस की जांच जब एसटीएफ को मिली, तो तह तक जाने के लिए एसटीएफ ने सर्विलांस की मदद ली, तो राजेश्‍वरी के मोबाइल की आखिरी लोकेशन 4 जून को नेपाल में मिली थी. 24 जून 2018 को शाहपुर थाने में राजेश्‍वरी उर्फ राखी श्रीवास्‍तव के गुमशुदगी/अपहरण का केस उसके भाई अमर प्रकाश श्रीवास्‍तव ने दर्ज कराया था. पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्‍या 375/18 धारा- 366/506 आईपीसी के तहत बिहार गया के वजीरगंज लोहगरा के रहने वाले और मनीष सिन्‍हा के खिलाफ दर्ज कराया था. आईजी एसटीएफ ने बताया कि गोरखपुर से तीनों को गिरफ्तार किया गया. डा. डीपी सिंह ने और उसके साथियों ने हत्‍या की बात कुबूल की है.


डा. डीपी सिंह ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि अवसाद के कारण उन्‍होंने इस घटना को अंजाम दे दिया. उन्‍होंने बताया कि राजेश्‍वरी उर्फ राखी की डिमांड बढ़ती जा रही थी. जिस कारण वे काफी परेशान थे और उन्‍होंने दो साथियों के साथ मिलकर घटना को अंजाद दे दिया. पुलिस ने आरोपियों के पास से मृतका राजेश्‍वरी श्रीवास्‍तव का पहचान पत्र, आरोपियों का मोबाइल, रुपए, नेपाली रिचार्ज कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और एटीएम कार्ड भी बरामद किया है. तीनों को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया जब वे तीनों स्‍कार्पियों से कैण्‍ट इलाके के दाउदपुर की ओर से जा रहे थे.