झांसी: चिलचिलाती गर्मी में रेल के कोच में पानी खत्म हो गया, पंखे खराब हो गए, 12 घंटे लेट ट्रेन ने आखिरकार वृद्धा की जान ले ली. उनका दम घुट रहा था, गर्मी से हाल बेहाल था. उन्होंने कई बार परिजनों को इस बारे में बताया भी लेकिन कोई कुछ ना कर सका.


दरभंगा से अहमदाबाद जा रही 19166 साबरमती एक्सप्रेस को गुरुवार सुबह के पांच बजे के आसपास झांसी पहुंचना था, लेकिन यह शाम के पांच बजे के आसपास पहुंची. बलिया निवासी मुसाफिर दिनेश शाह ने बताया कि वह एस-12 में यात्रा कर रहे थे.


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उसी कोच में बलिया की ही रहने वाली रिश्तेदार मानकी देवी भी सफर कर रही थीं. उनका टिकट कन्फर्म नहीं था. रिश्तेदार होने के नाते वह उन्हें अपने कोच में ही लेकर सफर कर रहा था. दिनेश शाह ने रेलवे को झांसी स्टेशन से काफी पूर्व सूचित किया था कि मानकी देवी का दम घुट रहा है.


उन्होंने बताया था कि मानकी देवी की हालत बिगड़ रही है. झांसी स्टेशन पर गाड़ी पहुंची मगर पीड़ित को किसी डॉक्टर ने अटैन्ड नहीं किया. जबकि रेलवे हॉस्पिटल से ऐसे हालात में डॉक्टर भेजे जाते हैं. ललितपुर पहुंचने से पहले ही 65 साल की बुजुर्ग मानकी देवी की तड़प तड़प कर मौत हो गई.


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ललितपुर सरकारी अस्पताल में शव को विच्छेदन के लिए भेजा गया. जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण अज्ञात आया है. विसरा सुरक्षित रख लिया गया है.


मानकी देवी के दूर के रिश्तेदार दिनेश शाह ने बताया कि पंखे 7 घंटे से बंद थे. ट्रेन बहुत देरी से चल रही थी. कोच में पानी की सप्लाई बंद थी. मानकी देवी उसे बार-बार दम घुटने की बात कर रही थीं. अधिक गर्मी के कारण उनकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि यदि झांसी में उनका उपचार हो जाता तो वह बच जातीं.


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जीआरपी उपनिरीक्षक शफक्कत हुसैन ने बताया कि बीती शाम 7 बजे उन्हें सूचित किया गया कि एक लावारिस शव साबरमती एक्सप्रेस में पड़ा है. शव को कब्जे में लेकर विच्छेदन हेतु भेज दिया है. शव की शिनाख्त मानकी देवी पत्नी शिववचन निवासी ग्राम जीराबस्ती थाना शिवपुरा जिला बलिया के रूप में हुई है.